आलू की खेती कैसे करें ?How to cultivate potatoes?
आलू का प्रयोग पूरी दुनिया भर में किया जाता है| आलू को हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण रूप से प्रयोग किया जाता है | आलू को लोग अधिक पसंद करते हैं | क्योंकि आलू का स्वाद अच्छा होता है | आलू का प्रयोग करके लोग सबसे बहुत सारी चीजों को बनाते हैं |
आलू की खेती क्या है ?
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आलू की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है | अगर आप आलू की खेती करना चाहते हैं | तो आप आसानी से कर सकते हैं | आलू का प्रयोग पूरी दुनिया भर में किया जाता है| आलू को हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण रूप से प्रयोग किया जाता है | आलू को लोग अधिक पसंद करते हैं | क्योंकि आलू का स्वाद अच्छा होता है | आलू का प्रयोग करके लोग सबसे बहुत सारी चीजों को बनाते हैं | आलू को खाने वाले लोगों और वैज्ञानिको का मानना है | कि वह हमारे भोजन में मुख्य भूमिका निभाती है | वैज्ञानिको का मानना है | कि आलू में कार्बोहाइड्रेट , वसा, प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं | और यह बाजार में हर समय उपलब्ध रहती है | आलू की मांग बाजार में हमेशा होती है | क्योंकि आलू का प्रयोग पूरे साल भर किया जाता है | आलू का प्रयोग होटेल से लेकर ढेला वाले सभी लोग आलू से खाद्य पदार्थ बनाने के लिए करते हैं | आलू की खेती करनेवाले किसानों को अधिक समस्याओं का सामना भी नहीं करना होता है | और वह आलू की खेती आसानी से कर लेते है |
आलू की खेती करने का तरीका –
आलू की खेती करना बहुत आसान होता है | और आलू की खेती आप बड़े और छोटे दोनों स्तर पर कर सकते हैं | आलू की खेती करने के लिए आपके पास खेत होना चाहिए | और खेत को तैयार करना होता है कि वह आलू बोने के योग्य हो जाए |
खेत का निर्माण-
किसी भी फसल को बोने से पहले आपको खेत तैयार करना पड़ता है | क्योंकि जितना अच्छा आपका खेत तैयार होता है उतना अच्छा आपकी फसल में उत्पादन भी होता है | खेत का निर्माण करने के लिए आपको खेत की जुताई करने की आवश्यकता पड़ती है | जिससे जमीन की पानी सोखने की क्षमता मे वृद्धि होती है | और आपको अपने खेत को साफ करने की जरूरत पड़ती है | खेतों से खरपतवार को निकालना बहुत जरूरी होता है | क्योंकि आपकी फसल तभी अच्छी होगी | जब आपका खेत खरपतवार मुक्त होगा | खेत को खरपतवार मुक्त करने के लिए मजदूर की सहायता भी ले सकते हैं | मजदूर की सहायता लेने से आपको खर्च ज्यादा लग सकता है | इसके लिए आप मशीन से ही खरपतवार निकलवाने की कोशिश करें | खरपतवार को निकालने के लिए आप रासायनिक दवाओं का भी छिड़काव कर सकते है |
खेत में खाद को डालना –
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए आपको अपने खेत में उर्वरक शक्ति को बढ़ाने की जरूरत पड़ती है| उर्वरक शक्ति को बढ़ाने के लिए आप गोबर की खाद का प्रयोग कर सकते हैं | किसानों का ऐसा मानना है कि गोबर की खाद को डालने से उनके खेत की उर्वरक शक्ति में वृद्धि होती है | आपको गोबर की खाद अपने घर भी मिल जाती है | अगर आपके घर पर गोबर की खाद नहीं है | तो आप गोबर की खाद को खरीद कर भी अपने खेत में डाल सकते हैं | गोबर के खाद डालने से आपके खेत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है | क्योंकि गोबर की खाद पूर्ण रूप से प्राकृतिक खाद मानी जाती है | एक एकड़ में आपको कम से कम तीन या चार ट्रॉली खाद को डालनी चाहिए |
खेत की सुरक्षा –
किसी भी फसल की अच्छी उपज के लिए आपको सबसे पहले उस फसल की सुरक्षा करने की जरूरत पड़ती है| फसल की सुरक्षा करने के लिए आपको सबसे पहले खेत को चारों तरफ से घेराव कर देना चाहिए | ताकि किसी प्रकार का जंगली जानवर हमारे खेत में आकर फसलों को नुकसान पहुंचा सके | खेत का घेराव करने के लिए आपको लोहे की पाइपों की जरूरत पड़ती है | अगर आपके पास पैसे कम है तो आप बांस का भी प्रयोग कर सकते हैं | कोशिश करें कि बांस मजबूत और लंबे हो | बांस के साथ साथ आपको रस्सियों की भी जरूरत पड़ती है | बांस की लंबाई कम से कम आठ फिट होनी चाहिए |
अच्छी पैदावार वाली आलू की किस्में –
किसी भी फसल की अच्छी पैदावार तभी होती है | जब आप अच्छी किस्म के बीजों को बोते हैं| आलू की अच्छी उत्पादन के लिए कुछ बीजों की नस्लें हैं जैसे- कुफरी पुकराज, कुफरी बादशाह, कुफरी हिमासोना, कुफरी ख्याति, आदि अन्य नस्लें हैं जो आलू की खेती करनेवाले किसानों को अधिक पैदावार प्रदान करते हैं |
आलू बोने के लिए बेड का निर्माण –
आलू को खोने के लिए आपको अपने खेत को तैयार करना पड़ता है | और खेत की सुरक्षा के लिए खेत का घेराव करना पड़ता है | जब वह खेत पूर्ण रूप से तैयार हो जाए | तब आपको अपने खेत की एक बार रोटावेटर से जुताई करा देनी चाहिए | ताकि हमारे खेत की मिट्टी मुलायम और भुरभुरी हो जाए | अगर आप मशीन से आलू की बुआई करते हैं तो आपको कम खर्च आता है | अगर आप आलू की दुआएं मज़दूरों के माध्यम से करते हैं | तो आपको अधिक खर्च आ सकता है | आलू को बोने का सही तरीका बेड का निर्माण करके उसके अंदर आलू को बोना चाहिए | सबसे पहले आपको आलू के बीजों को लेना है | अगर आपके बीच अधिक बड़े हैं | तो आप बीजों के दो टुकड़े कर सकते हैं | आलू को बोने के लिए आपको सबसे पहले सही बीजों का चुनाव करना पड़ता है | और फिर उन बीजों को रोग मुक्त करने के लिए बीजों का रोग उपचार करना बहुत जरूरी होता है | बीजों बीज का रोग उपचार करने से बीज का अच्छा अंकुरण होता है |बेडका निर्माण करने से पहले आपको अपने खेत में लगभग छह इंच की नाली का निर्माण करना होता है और वह नाली का प्रयोग आप बीज बोने के लिए करते हैं | नाली में आलू को बोते समय आपको ध्यान रखना है कि आलू से आलू की दूरी सात इंच तक होनी चाहिए | आलू को बोने के बाद आपको बेड का निर्माण करना पड़ता है जिससे आलू ढंकी रहे | आपकोबेडका निर्माण करते समय ध्यान रखना है किबेडसेबेडकी दूरी लगभग 1.5 फिट तक होनी चाहिए | और उचाई 10 से 12 इंच तक होनी चाहिए | और चौड़ाई 2 से 2.5 फिट रखनी चाहिए |
सिंचाई करने का तरीका –
आलू की सिंचाई इस बात पर निर्भर करती है | कि आप किस मिट्टी में आलू की बुआई करते हैं | अगर आप दोमट मिट्टी में आलू बोते हैं | तो आपको अधिक पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है | अगर आप अन्य मिट्टी में आलू बोते हैं | तो आपको समय-समय पर पानी देने की जरूरत पड़ती हैं | आलू की फसल को तीन से चार बार पानी देने की आवश्यकता होती है |
आलू की फसल में कौन-कौन सा रोग लगता है ?
सभी प्रकार की फसलों में कुछ न कुछ रोग लगता है | आलू की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि आलू फसल में झुलसा रोग, कवक रोग, इल्ली का प्रकोप, अन्य रोगों को देखा जाता है | इन रोगों को ठीक करने के लिए आपको सबसे पहले बाजार से जाकर कृषि केंद्र पर से इन रोगों की दवा ले लेनी है | और उस दवा को उसके नियम अनुसार पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव कर देना चाहिए | आलू की फसल पर दवा का छिड़काव करने के बाद सिंचाई करने की जरूरत पड़ती है |
आलू की फसल को बोने में कितनी लागत आती है ?
अगर आप एक एकड़ में आलू को बोते हैं | तो आपको उस खेत की जुताई करनी पड़ती है | और खेत को खरपतवार मुक्त करना पड़ता है | हमारे खेत में किसी प्रकार का जंगली जानवर न आ सके | उसके लिए आपको खेत का घेराव करना पड़ता है | तथा आलू को बोने के लिए आलू के बीजों खरीदने की आवश्यकता पड़ती है | तथा आलू अगर आप मशीनों से बोते हैं | तो आपको कम खर्च लगता है | और अगर आप आलू की बुआई मज़दूरों की मदद से करते हैं | तो आपको अधिक खर्च आ सकता है | और आपको आलू की फसल को सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है | और वह काम आप अपनी मशीन से भी कर सकते हैं | अगर आपके पास अपनी खुद की सिंचाई करने की मशीन है | आपको अपनी आलू को खाद देने की जरूरत पड़ती है | और अगर आप की फसल पर किस प्रकार के रोग लग जाता है| तो आपको उस पर दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है | आलू की फसल तैयार होने के बाद आपको आलू को मंडी में ले जाकर बेचना पड़ता है | जिसमें वाहन का खर्च आपको अलग से लगता है | अगर आप एक एकड़ में आलू की खेती करते हैं | तो सारा खर्च मिलाकर आपको लगभग ₹75,000 की जरूरत पड़ती है |
आलू की खेती में आपको कितना लाभ मिलता है ?
आलू की खेती अगर आप एक एकड़ में करते हैं | तो आपको आलू की बहुत देखभाल करने की आवश्यकता पड़ती है | सभी प्रकार की देखभाल करने के बाद जब आपकी फसल तैयार हो जाती है | तो आपको फसल को मंडी में ले जाकर थोक भाव में बेचने की जरूरत पड़ती है| अगर आपकी मंडी में आलू का थोक भाव 1000 रूपया चल रहा है| और आपको एक एकड़ में लगभग 180 क्विंटल आलू की पैदावार हुई है | तो आपको लगभग ₹1,80,000 प्राप्त होता है |
* FAQ *
(a) आलू की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है ?
आलू की फसल को तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिनों का समय लगता है |
(b) आलू में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं ?
आलू में कार्बोहाइड्रेट , विटामिन बी 6 , पोटैशियम , मैगनीशियम , पोषक तत्व पाए जाते हैं |
(c) आलू की बुआई करने की सही विधि क्या है ?
आलू की बुआई करने की सही विधिबेडनिर्माण विधि है | आपको आलू हमेशाबेडका निर्माण करके ही बोना चाहिए |
(d) आलू की बुआई किस महीने में करनी चाहिए ?
आलू को बोने का सही समय मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक माना जाता है |
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