इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का व्यापार कैसे करें ?How to do import and export business?
किसी देश से सामान को मंगवाना और अपने देश से किसी और देश में सामान को पहुँचाना इस प्रक्रिया को आयात-निर्यात कहा जाता है| आयात- निर्यात के कारण वह सभी सामान हमारे बाजार में हमेशा उपलब्ध रहते हैं | जो हमारे देश में नहीं बनाए जाते हैं | और उगाएं जाते हैं| और हम अपने देश का सामान बाहर के देशों में पहुंचा पाते हैं |
इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट क्या है ?
Contents
- 1 इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट क्या है ?
- 2 आयात-निर्यात करने के लिए IEC –
- 3 करंट अकाउंट खुलवाना –
- 4 ऑफिस का निर्माण –
- 5 कंपनी के लिए लोन-
- 6 अन्य व्यक्तियों की आवश्यकता –
- 7 आयात-निर्यात के लिए मार्ग का चुनाव –
- 8 भारत से आप क्या-क्या निर्यात कर सकते हैं ?
- 9 भारत में किन-किन चीजों का आयात किया जाता है ?
- 10 आयात-निर्यात का व्यापार करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
- 11 आयात-निर्यात का व्यापार करने में कितना खर्च आता है ?
- 12 आयात-निर्यात के व्यापार में कितना लाभ होता है ?
- 13 *FAQ *
हम जो कुछ भी वस्तु अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं | उन सभी से बहुत सारे सामान हमारे देश में नहीं पाए जाते हैं | लेकिन वह सब हमारे बाजार में हमेशा उपलब्ध रहते हैं | यह सब संभव होता है आयात-निर्यात के कारण | आयात- निर्यात के कारण वह सभी सामान हमारे बाजार में हमेशा उपलब्ध रहते हैं | जो हमारे देश में नहीं बनाए जाते हैं | और उगाएं जाते हैं| और हम अपने देश का सामान बाहर के देशों में पहुंचा पाते हैं | इसके माध्यम से हमारे देश की आर्थिक स्तिथि में काफी प्रभाव पड़ता है |
आयात-निर्यात का कार्य हर देश में किया जाता है | और यह व्यापार पूरी दुनिया में फैला हुआ है | आपको अपने देश से उन्हीं चीजों को बाहर भेजना चाहिए जो आपके यहाँ अधिक मात्रा में पाई जाती है | ऐसा करके आप पैसे कमा सकते हैं | और आपको अपने देश में उन चीजों को लाना चाहिए जो हमारे यहाँ नहीं पायी जाती है | आपको अपने देश में बाहर से सामान लाना पड़ता है | आयात निर्यात बहुत पुराने समय से चला आ रहा है | और इसका कार्य कभी बंद नहीं होता है | क्योंकि हर देश को कोई न कोई सामान किसी न किसी देश से मंगवाया ही पड़ता है | और यह व्यापार आप अपनी पूंजी के अनुसार कर सकते हैं | यह व्यापार तीन मार्गों से किया जाता है | यह व्यापार आप अपनी पूंजी के अनुसार शुरू कर सकते हैं कहने का आशय यह है की अगर आपके पास पैसे अधिक है तो आप अपने देश से दूसरे देश में आयात-निर्यात का व्यापार कर सकते हैं | अगर आपके पास पैसों की कमी है | तो आप अपने आस -पास के क्षेत्र में ही आयात-निर्यात का व्यापार कर सकते हैं| आपको अपने व्यापार को शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है |
वस्तु या सामान का चुनाव –
यह व्यापार करने से पहले आपको अपने सामान या वस्तु का चुनाव करना पड़ता है | कि आपके देश में किस वस्तु की मांग अधिक है और आपके देश में किस चीज़ की मात्रा अधिक है जिसकी मात्रा आपके देश में अधिक हो वह आप बाहर बेच सकते हैं | और जिसकी मात्रा आपके देश में कम हो आपको वह सामान बाहर के देशों से खरीदकर लाना पड़ता है | यह काम आप कर सकते हैं | और इसमें आपको अधिक लाभ भी प्राप्त होता है | अगर आप सही तरीके से इस व्यापार को करते हैं तो |
अपने व्यापार के लिए कंपनी का निर्माण –
अगर आप अपने व्यापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते हैं | तो आपको कंपनी का निर्माण करना पड़ता है | यह कंपनी आपको अपने देश में भी खोलना पड़ता है | और 1ऑफिस उस देश में भी खोलना पड़ता है | जिस देश में आप अपना सामान बेच रहे या फिर जिस देश से आप सामान को खरीद कर ला रहे हैं | आपको अपने कंपनी को दोनों देशों में खोलना पड़ता है | जिसमें अपने कार्यकर्ताओं रखना पड़ता है| आपके कार्यकर्ता उस देश में भी रहेंगे जिस देश से आप सामान मंगवाते हैं |
सरकार से अनुमति –
किसी देश में अगर कोई कंपनी लगाना चाहता है तो उसको उस देश की सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है | और यह अनुमति आप को दोनों देशों की सरकार से लेनी पड़ती है| क्योंकि आप अपने व्यापार को दोनों देशों के बीच कर रहे हैं | सरकार से अनुमति प्राप्त करने के लिए आपको अपने कंपनी का दस्तावेज देना पड़ता है | इसके बाद दोनों देशों की सरकार आपकी कंपनी के बारे में जांच करती है | और आपके व्यापार के बारे में जांच करती है कि आप अपने व्यापार में किस प्रकार का कार्य करने वाले हैं | आपको अपने कंपनी के साथ-साथ अपना भी दस्तावेज देना पड़ता है |
आयात-निर्यात करने के लिए IEC –
आयात-निर्यात का कार्य करने के लिए आपको सरकार से अनुमति लेना पड़ता है | आयात-निर्यात का व्यापार करने के लिए आपको IEC कोड की जरूरत पड़ती है | जिसकी मदद से आप चीजों को दुनिया भर में आयात-निर्यात कर सकते हैं | आपको यह नम्बर सरकार के माध्यम से जारी किया जाता है | और यह IEC कोड आपकी कंपनी की जांच के बाद दिए जाते हैं | IEC कोड का पूरा नाम होता है – इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड होता है | यह कोड लेने के लिए आपको कंपनी के और अपने दस्तावेज़ को देना पड़ता है | यह कोड आप ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं |
करंट अकाउंट खुलवाना –
आपको अपनी कंपनी के लिए करंट अकाउंट की जरूरत पड़ती है | आपके सारे लेन-देन इसी अकाउंट के माध्यम से किए जाते हैं | आपको इससे पहले पैन कार्ड, आधार कार्ड, जैसे दस्तावेज की जरूरत पड़ती है | आपको अपने करंट अकाउंट का हिसाब रखना पड़ता है | आपके करंट अकाउंट के हिसाब से ही आयकर विभाग आपसे आय लेता है | आपको अपनी कंपनी में करंट अकाउंट खुलवाना जरूरी होता है | आपको यह अकाउंट उस बैंक में खुलवाना चाहिए | जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसों का लेन-देन करती है |
ऑफिस का निर्माण –
इस व्यापार को करने के लिए आपको ऑफिस की जरूरत पड़ती है | और वह आपको जरूरी होता है | आपको अपने ऑफिस में कई सारी जरूरी चीजों को रखना पड़ता है | आपको अपने ऑफिस में फैक्स मशीन, प्रिंट मशीन, टेलीफोन , लाइट, की व्यवस्था करनी पड़ती है | यह सब आपके ऑफिस में होना बहुत जरूरी होता है | इसके साथ आप कई सारी जरूरी चीजों को भी ऑफिस में रख सकते हैं | आपको अपने ऑफिस पर बिजली और पानी की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए | आपको अपने ऑफिस को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहाँ पर ज्यादा शोर-शराबा न हो और आपको काम करने में आसानी हो |
कंपनी के लिए लोन-
आपको यह व्यापार करने लिए अधिक पैसों की जरूरत पड़ती है | क्योंकि आपको कंपनी का निर्माण करना है | और कंपनी बनाने में आपको बहुत सारी चीजों को बनाना पड़ता है| आपको अगर यह कार्य करने में पैसों की कमी होती है तो आप सरकार की मदद से लोन प्राप्त कर सकते हैं | और आपको यह लोन प्राप्त करने के लिए अपने और कंपनी के दस्तावेजों को बैंक में देना पड़ता है | उस आधार पर बैंक आपको लोन प्रदान करती है| यह लोन ब्याज पर दिया जाता है | क्योंकि आप इसका प्रयोग व्यापार करने के लिए कर रहे हैं | और उस लोन पर ब्याज का निर्धारण बैंक अपने नियमानुसार करती है |
अन्य व्यक्तियों की आवश्यकता –
कंपनी में कई सारे कार्य पाए जाते हैं | और आप यह सब कार्य अकेले नहीं कर सकते हैं | आपको इसके लिए कई सारे स्टाफ रखना पड़ता है | जो आपकी कंपनी के अलग-अलग कार्य को सँभालते हैं | आपको ध्यान रखना चाहिए कि वह कार्यशील और ईमानदार होने चाहिए | कई बार कंपनी में कार्य करने वाले लोग ही कंपनी को नुकसान करा देते हैं | आपको ध्यान रखना चाहिए कि वह शिक्षित हो | और वह आपके लिए कार्य करें |
आयात-निर्यात के लिए मार्ग का चुनाव –
आपको अपने आयात निर्यात के व्यापार के लिए मार्ग का चुनाव करना पड़ता है | कि आप किस रास्ते से सामान का आयात-निर्यात करते हैं | कई सारे देश हैं जो सीधे सड़कों के माध्यम से जुड़ते हैं | और कई सारे देश सड़कों के माध्यम से नहीं जुड़ते हैं | आप अपना सामान चार तरीकों से भेज और मांगा सकते हैं | आप अपना सामान सड़क के माध्यम से भेज और मांगा सकते हैं | और आपका सामान रेल माध्यम से भी आ-जा सकता है | आप अपने सामान को वायु मार्ग से भी आयात-निर्यात कर सकते हैं | आयात-निर्यात का अधिकार समुद्र मार्ग से ही किया जाता है | अगर आप समुद्र मार्ग से आयात-निर्यात का कार्य करते हैं तो आपको यह रास्ता सस्ता और सुगम पड़ता है |
भारत से आप क्या-क्या निर्यात कर सकते हैं ?
अगर आप आयात निर्यात का कार्य कर रहे हैं | या फिर उसके बारे में सोच रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए की आपके देश में किस चीज़ की अधिकता है | और आप उसे बाहर भेज सकते हैं | इन सब चीजों को बाहर देशों में बेचकर पैसा कमा सकते हैं | भारत में सबसे अधिकतौर पर दाल, चावल, राजमा, मक्का, चना, गेहूं, और कई सारे अनाज की अधिकता पाई जाती है | और भारत दुनिया भर में अधिक मात्रा में नशीली दवाओं का निर्यात करता है | भारत दुनिया भर में होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं को बेचता है |
भारत में किन-किन चीजों का आयात किया जाता है ?
भारत में ही नहीं पूरी दुनिया भर में दूसरे देशों से सामान मंगवाया जाता है | और वह सामान उसी देश से मंगवाया जाता है | जिस देश में उस सामान की अधिकता होती है | भारत की बात की जाए तो भारत में खनीज, ईंधन, रत्न, विद्युत मशीनरी, कंप्यूटर के पार्ट, वाहन, कार्बनिक रसायन , जैसी चीजों को मंगवाया जाता है | भारत में बड़े स्तर पर ये सामान मंगवाए जाते है | क्योंकि भारत में इन सारी चीजों की मांग हमेशा रहती है |
आयात-निर्यात का व्यापार करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
आयात-निर्यात का व्यापार शुरू करने से पहले आपको सामान को चुनना पड़ता है | कि आप किस सामान का आयात-निर्यात करेंगे | आपको वही सामान का चुनाव करना चाहिए | जिसकी मांग बाजार में हमेशा रहती हो | आपको सामान को ले जाने का रास्ता सही चुनना चाहिए | आपको वही मार्ग चुनने चाहिए जो आपको सस्ता और सुगम पड़ते हैं | आपको अपनी कंपनी में काम करने वाले आदमियों की अच्छी जांच करके उनको काम पर रखना चाहिए | आपको ध्यान देना चाहिए कि आप जिस कंपनी से संबंध बना रहे हैं वह अच्छी कंपनी होनी चाहिए | जो आपको समय पर पैसा दे | और आप को जरूरत पड़ने पर समय पर सामान दे सकें | आपको अपने सामान के पैक होने से पहले सही तरीके से जांच कर लेनी चाहिए | नहीं तो कई बार द्वारा आप के सामान में कुछ गैर कानूनी सामान रख दिया जाता है | और अगर वह सामान किसी जांच के दौरान पकड़ा जाता है तो उसका जिम्मेदार आपको माना जाता है | और उस स्थिति में सरकार आपका लाइसेंस रद्द कर सकती है | और आपको जेल भी भेज सकती हैं |
आयात-निर्यात का व्यापार करने में कितना खर्च आता है ?
आयात निर्यात का कार्य पूरी दुनिया में किया जाता है | अगर आप भारत से आयात-निर्यात का व्यापार करने के बारे में सोच रहे है | तो आप अपने देश में कई सारी चीजों को बाहर देशों में बेच सकते हैं | और बाहर के देशों की चीजों को अपने देश में लाकर उनको बेच सकते हैं | आपको अपनी कंपनी को शुरू करने के लिए सरकार से परमिशन लेना पड़ता है | और आपको आयात-निर्यात का व्यापार करने के लिये IEC कोड लेने की जरूरत पड़ती है | और ये सब होने के बाद आपको ऑफिस का निर्माण करना पड़ता है | और आपको उस देश में भी ऑफिस का निर्माण करना होता है | जहाँ से आप सामान को मंगवाते और बेचते हैं | आपको अपनी कंपनी में अन्य व्यक्तियों को रखना पड़ता है | जो आपकी कंपनी के लिए कार्य करते हैं | आपको उनको सैलरी देनी पड़ती है | और आपको कई बार मीटिंग के लिए बाहर देशों में जाना पड़ता है | इसका खर्चा आपको अलग से लगता है | और बहुत सारी कार्य का खर्च आपको लगता है | आयात-निर्यात का व्यापार करने में आपको खर्चा इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर इस व्यापार को शुरू कर रहे हैं | आप अपनी पूंजी के अनुसार अपने व्यापार को शुरू कर सकते है | आप इस व्यापार को ₹1,00,000 से ₹10,00,000 या उससे अधिक पैसों में शुरू कर सकते हैं |
आयात-निर्यात के व्यापार में कितना लाभ होता है ?
आयात-निर्यात का कार्य करना आसान होता है | आप इस कार्य को आसानी से कर सकते हैं |आप अपने यहाँ की अधिक चीजों को बेच सकते हैं | और अपने यहाँ कम रहने वाली चीजों को बाहर से लाकर बेच सकते हैं| आप का लाभ इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस समय में इस व्यापार को कर रहे हैं कहने का आशय यह है की अगर आप किसी चीज़ को बाहर के देशो से लाकर अपने यहाँ बेचते हैं | जब आपके बाजार में उस चीज़ की मांग रहती है | तो आपको उस समय अधिक लाभ प्राप्त होता है | अगर आप अपने यहाँ की कोई चीज़ किसी बाहर के क्षेत्र में ले जाकर बेचते हैं जब उसकी मांग वहाँ पर अधिक होती है तो आपको उस वस्तु का अधिक दाम मिलता है | अगर आप अपने सामान को तब बेचते हैं जब आपके सामान की मांग कम होती है तो आपको कम फायदा मिलता है |
*FAQ *
(a) आयात-निर्यात का क्या मतलब होता है ?
किसी देश से सामान को मंगवाना और अपने देश से किसी और देश में सामान को पहुँचाना इस प्रक्रिया को आयात-निर्यात कहा जाता है|
(b) आयात किसे कहते हैं ?
जब हम किसी देश से किसी वस्तु को अपने देश में मंगवाते हैं (खरीदते हैं) उस प्रक्रिया को आयात कहा जाता है |
(c) निर्यात किसे कहते हैं ?
जब हम अपने देश से किसी सामान को दूसरे देश में पहुंचाते हैं (बेचते हैं) उस प्रक्रिया को निर्यात कहते हैं |
(d) किसी वस्तु को बाहर देश से आयात करने में कितना कर देना पड़ता है ?
अगर आप किसी वस्तु को बाहर से मंगवाते हैं जै तो आपको 40% कर देना पड़ता है |
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