गन्ने की खेती कैसे करते हैं ? How to cultivate sugarcane?

गन्ने की खेती कैसे करते हैं ? How to cultivate sugarcane?

                                अगर आप भारत के मूल निवासी हैं तो आपको पता होगा भारत में मुख्य तौर पर गन्ने की खेती की जाती है और गन्ने की खेती करनेवाले किसान सरकार को अधिक मात्रा में गन्ना प्रदान करते हैं | गन्ने की मदद से चीनी और गुड को बनाया जाता है जो कि दुनिया भर में प्रयोग किए जाते हैं | चीनी का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में किया जाता है | उस चीनी को बनाने के लिए गन्ने का ही प्रयोग किया जाता है | गन्ने की खेती करने का सही समय फरवरी और मार्च तक को माना जाता है |

गन्ना की खेती क्या है ?

                                अगर आप भारत के मूल निवासी हैं तो आपको पता होगा भारत में मुख्य तौर पर गन्ने की खेती की जाती है और गन्ने की खेती करनेवाले किसान सरकार को अधिक मात्रा में गन्ना प्रदान करते हैं | गन्ने की मदद से चीनी और गुड को बनाया जाता है जो कि दुनिया भर में प्रयोग किए जाते हैं | चीनी का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में किया जाता है | उस चीनी को बनाने के लिए गन्ने का ही प्रयोग किया जाता है | गन्ने की खेती करने का सही समय फरवरी और मार्च तक को माना जाता है | गन्ने की खेती भारत में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में की जाती है | उत्तर प्रदेश के  किसान सबसे अधिक अपने खेतों में गन्ने की फसल को बोते हैं | गन्ने की खेती आप किसी भी मिट्टी में कर सकते हैं लेकिन गन्ने की खेती कि सबसे अधिक उपज काली मुर्दा और दोमट मृदा में पाई जाती है | गन्ने की खेती करने वाले किसानों की मदद से उन गानों को खरीदकर कंपनी वाले गन्ने को कंपनी में या गन्ने की मिल में ले जाकर चीनी का निर्माण करके उसे बाजार में बेचते हैं |

गन्ने की खेती करने का तरीका –

अगर आप गन्ने की खेती करना चाहते हैं | तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है | जो आपको गन्ने की खेती करने में आपकी मदद करती है| ध्यान देने वाली बातें निम्नलिखित है –

 खेत की तैयारी करना  –

किसी भी खेती को  करने के लिए आपको सबसे पहले अपने खेत को तैयार करना पड़ता है खेत की तैयारी के लिए आपको सबसे पहले खेत की जुताई करनी पड़ती है खेत की जुताई करने के लिए आपको पलटी वेटर का प्रयोग करना चाहिए कल्टीवेटर की सहायता से अगर आप खेतों की जुताई करते हैं तो आपके खेतों में हवा का संचार बहुत ही अच्छा होता है और खेत की मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता काफी बढ़ जाती है | और खेत में जुताई करने से खेत की मिट्टी भुरभुरी और मुलायम हो जाती है | अगर आपके खेत में नमी नहीं है | तो आपको अपने खेत की सिंचाई करने के बाद ही खेत की जुताई करनी चाहिए |

खेत को खरपतवार से मुक्त करना –

अगर आप चाहते हैं कि आपकी फसल में अच्छी पैदावार हो | तो आपको सबसे पहले अपने खेतों को खरपतवार से मुक्त करना होता है | क्योंकि फसल की अच्छी पैदावार तभी होगी | जब आपकी फसल के बीच में किसी प्रकार का खरपतवार रुकावट नहीं बनेगा | अगर आपके खेत में खरपतवार रहता है तो आप की फसल में अच्छी पैदावार नहीं होती है | खरपतवार को निकालने के लिए आप मशीन की मदद ले सकते हैं और अगर आप चाहे तो मज़दूरों की सहायता से भी अपने खेत को खरपतवार मुक्त कर सकते हैं |  मज़दूरों की अपेक्षा आप मशीन का खर्च बहुत कम होता है | अगर आप चाहे तो रासायनिक दवाओं का छिड़काव करके भी अपने खेत को खरपतवार से मुक्त कर सकते हैं|

खेत में खाद को डालना –

 

फसल की अच्छी पैदावार के लिए आपको अपने खेत की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने की जरूरत पड़ती है | अगर आपके खेत की उर्वरक सकती कम है | तो आपको अपने खेत में गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए | गोबर की खाद आपको सस्ती पड़ती है | और ये खाद आपको बहुत आसानी से आपके घर पर ही मिल जाती है | रवि अगर आपके घर पर गोबर की खाद नहीं है | तो आपको  यह खाद डेयरी पर भी मिल जाती है | गोबर की खाद को डालने से हमारे खेत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है | क्योंकि गोबर की खाद पूर्ण रूप से प्राकृतिक खाद्य मानी जाती है | एक एकड़ में आपको लगभग तीन ट्रॉली से चार ट्रॉली गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए |

फसल की सुरक्षा के लिए खेतों का घेराव –

फसल की सुरक्षा करने के लिए आपको अपने खेतों का घेराव करना पड़ता है | साथ ही साथ आपको रखरखाव करने की भी जरूरत पड़ती है | अगर आप अपने खेत का घेराव करना चाहते हैं | तो आपको लोहे की पाइपों का प्रयोग करना चाहिए | क्योंकि यह मजबूत होती है | अगर आपके पास पैसों की कमी है | तो आप बासो की मदद से भी अपने खेत का घेराव कर सकते हैं | कोशिश करें कि आपके बांस लंबे और मजबूत हो | ताकि कोई भी जंगली जानवर उसे  आसानी से तोड़कर खेत के अंदर प्रवेश न कर पाए | बांस और पाइप के साथ साथ रस्सी और तारों की भी जरूरत पड़ती है |

 

 

उन्नतिशील बीजों का चुनाव –

अगर आप भी अच्छी फसल पाना चाहते हैं | तो आपको उन्नतिशील बीजों का चुनाव करना पड़ता है | आपको अपने मौसम और अपने क्षेत्र के वातावरण के अनुसार बीजों का चुनाव करना चाहिए  | अगर आप फसल को जल्दी तैयार करना चाहते हैं | तो आपको अपने खेतों में कोयम्बटूर शाहजहाँ की इन किस्मों को बोना चाहिए जैसे- 8436, 88230, 95255, 98231, 95436, बीजों का प्रयोग करना चाहिए| और अगर आपके क्षेत्र में सिंचाई की समस्या रहती है | तो आपको इन किस्मों के बीजों का प्रयोग करना चाहिए जैसे- UP 9530, सेलेक्शन 96236, को बोना चाहिए | तथा 767 किस्म को आप सभी स्थान पर बो सकते हैं | गन्ने की खेती करने से पहले आपको उन्नतशील और विश्वसनीय बीजों का प्रयोग करना चाहिए | जिससे आपको अधिक लाभ प्राप्त होता है |

बीजों को रोग उपचार –

फसल की अच्छी पैदावार के लिए आपको अपने बीजों का रोग उपचार करना बहुत जरूरी होता है | जिससे आपके बीजों का अनुकरण बहुत अच्छा होता है | गन्ने के बीजों को रोक उपचार करने के लिए आपको सबसे पहले उनको टुकड़ों में काट लेना है | और फिर उन कटे हुए टुकड़ों को दवाओं में 2 घंटे तक लगातार डुबो कर रखना पड़ता है | इसके बाद उनको हल्की धूप में सुखाकर आप उनको अपने खेतों में बुआई कर सकते हैं |

बीजों को बोने का तरीका –

गन्ने के बीजों को बोने के लिए आपको अपने खेतों में बेड का निर्माण करना पड़ता है | बेड को निर्माण करने की विधि इस प्रकार है –

 बेड का निर्माण –

                              बेड का निर्माण करने के लिए आप मशीनों की मदद ले सकते हैं | और अगर आप चाहे तो बेड का निर्माण मज़दूरों की मदद से भी कर सकते हैं | मज़दूरों की अपेक्षा आपको मशीन का खर्चा सस्ता पड़ता है |  बेड का करने के लिए आपको अपने खेत की अच्छी तरीके से जुताई करनी चाहिए | जिससे हमारे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है | और बेड काफी दिनों तक खराब नहीं होता है | बेड का निर्माण करते समय आपको बेड से बेड की दूरी 4 फिट तक रखनी चाहिए | बेड की ऊँचाई 1.5 फिट तथा बेड की चौड़ाई 1 फिट तक रखनी चाहिए | आपको बेड का निर्माण बहुत मजबूती से करना चाहिए | ताकि वह जल्दी खराब न हो |

बीज को बोना –

गन्ने के बीजों को फ़ोन आपको बेड के बीच में बोना चाहिए ताकि वह अपना भी ग्यारस अच्छे से कर सके अगर आप एक एकड़ में गन्ने की खेती करते हैं तो आपको सिंगल नोट्स वाले 10 से 12 क्विंटल टुकड़े लगते हैं | अगर आप यह बीज के टुकड़े को बाजार से लेते हैं | तो आपको अधिक दाम देना पड़ता है | और अगर आप अपने खेतों में पुराने बीजों को  होते हैं | तो कम खर्च आता है | बीजों को बोते समय आपको ध्यान रखना चाहिए | कि बीज से बीज की दूरी एक फिट तक होनी चाहिए | और बीजों को बोने के लिये आपको नाली का निर्माण करना पड़ता है |  उस नाली की गहराई कम से कम छह इंच तक रखनी चाहिए | और आपको बीजों को  बोने के बाद उस नाले में एक परत मिट्टी डाल देनी चाहिए | ताकि बीज मिट्टी में ढक जाए | और अच्छा अनुकरण प्रदान कर सकें |

गन्ने की फसल में कौन कौन सा रोग होता है ?

गन्ने की फसल बोने वाले किसानों को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है गन्ने की फसल में होने वाले रोगों के नाम इस प्रकार है जैसे गन्ने की फसल में फफूँद का लगना, गन्ने की जड़ों में सड़न रोंग का लगना, उकठा का रोग, कडवा रोग, जैसी बीमारियां देखी जाती है | गन्ने की फसल पर लाल धारी रोग लगता है | तथा गन्ने की फसल में पेडू कुठान रोग भी देखने को पाया जाता है | और अगर आप की फसल में इनमें से कोई रोग हो जाता है | तो आपको अपने नजदीकी बाजार से इन रोगों की दवाओं को लाकर , अपनी फसल पर छिड़काव कर देना चाहिए | ताकि यह रोग आपकी फसल को किसी प्रकार से नुकसान न पहुंचा पाए |  साथ ही अपनी फसल के विकास और अच्छी पैदावार के लिए आपको कई प्रकार की दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है |

गन्ने की सिचाईं –

 

गन्ने की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है | गन्ने की सिंचाई इस बात पर निर्भर करती है | कि आप किस प्रकार की मिट्टी में करने की खेती करते हैं | अगर आप अधिक पानी लगने वाले क्षेत्र में गन्ने की खेती करते हैं | तो आपको कम सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है | और अगर आपके क्षेत्र में बरसात कम होती है | और पानी वहाँ पर बहुत जल्दी सूख जाता है | तो आपको अधिक सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है | गन्ने की फसल को लगभग चार बार सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है |

गन्ने की फसल में कितना लाभ होता है ?

अगर आप गन्ने की खेती करते हैं| तो आपको अपने फसल की सुरक्षा करनी पड़ती है | और आपको सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करने के लिए उन पर दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है | अगर आप एक एकड़ में गन्ने की फसल को बोते हैं | तो आपको 350 से 400 क्विंटल गन्ना प्राप्त होता है | आपको अपनी फसल को मंडी में ले जाकर बेचना पड़ता है | एक एकड़ की फसल को बेचने से आपको ₹1,50,000 से ₹2,00,000 तक का लाभ होता है | यह दाम इस बात पर निर्भर करता है | कि आप की मंडी में इस बार गन्ने का थोक भाव कितना चल रहा है |

गन्ने की खेती करने में कितना पैसा लगता है ?

 

गन्ने की खेती करने से पहले आपको अपने खेत की जुताई करने की आवश्यकता पड़ती है तथा अपने फसल की सुरक्षा करने के लिए आपको अपने खेतों का घेराव करना पड़ता है और अपनी फसल में अच्छी पैदावार पाने के लिए आपको अपने खेतों में खाद को डालना पड़ता है | और अपने खेतों से खरपतवार को निकाल देना चाहिए | साथ ही साथ आपको अच्छे गन्ने के लिए रासायनिक खादों का छिड़काव करना पड़ता है | जब आपकी फसल तैयार हो जाए तो आपको उसकी कटाई के लिए मज़दूरों की आवश्यकता पड़ती है अगर आपके घर में आदमी है तो आप उनकी मदद से भी गन्ने की कटाई कर सकते हैं | फसल की कटाई के बाद आपको अपनी फसल को मंडी में ले जाकर बेचने की आवश्यकता होती है | फसल को मंडी ले जाने के लिए एक वाहन ज़रूरी होता है | वाहन का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आपके खेत से मंडी की दूरी कितनी है | सारा खर्च मिलाकर आपको एक एकड़ में गन्ने की खेती करने के लिए लगभग ₹35,000 से ₹40,000 तक का खर्च आता है |

* FAQ *

 

 

(a) गन्ने की खेती करने का सही समय क्या है ?

गन्ने की खेती करने वाले किसानों का मानना है कि गन्ने की बुवाई आपको फरवर से मार्च तक के महीने में कर देनी चाहिए |

(b) सबसे ज्यादा गन्ना किस देश में पाया जाता है ?

गन्ने की खेती दुनिया भर में की जाती है | लेकिन दुनिया भर में सबसे अधिक गन्ना ब्राज़ील देश में उगाया जाता है |

(c) भारत में सबसे अधिक गन्ना की राज्य में उगाया में जाता है ?

भारत में गन्ने की खेती लगभग सभी राज्यों में की जाती है | लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य में गन्ने  की सबसे अधिक खेती की  जाती है |

(d) एक एकड़ गन्ने की खेती करने के लिए कितना खर्च आता है ?

अगर आप एक एकड़ में गन्ने की खेती करना चाहते हैं | तो आपको कई प्रकार की सावधानियां और बहुत सारी दवाओं तथा अपने खेत की सुरक्षा तथा फसल की कटाई जैसे खर्च आते हैं | सभी खर्चों को मिलाकर आपको एक एकड़ की खेती करने में  ₹40,000 का खर्चा आता है |

 

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