मिर्च की खेती कैसे करें ?How to cultivate chilli?

मिर्च की खेती कैसे करें ?How to cultivate chilli?

भारत में मिर्च की खेती इतनी की जाती है कि दूसरे देशों को भी मिर्च बेचा जाता है | और मिर्च का स्वाद इस प्रकार होता है कि कुछ लोग उसको अधिक खाना पसंद करते हैं | और कुछ लोग उसको बहुत कम खाते है | मिर्च का स्वाद तीखा होता है | और मिर्च की मांग बाजार में हर मौसम में रहती है | जो किसान मिर्च की खेती करते हैं | वह मिर्च की खेती करके अधिक लाभ कमाते हैं |

मिर्च की खेती क्या है ?

                   मिर्च का प्रयोग पूरी दुनिया में किया जाता  है | क्योंकि मिर्च हमारे भोजन में अलग स्वाद प्रदान करती है | मिर्च की खेती करना बहुत आसान होता है | और यह अपने स्वाद के लिए जानी जाती है | मिर्च की खेती करने के लिए भारत भी दुनिया में गिना जाता है | भारत में मिर्च की खेती बहुत पुराने समय से की जा रही है | भारत में मिर्च की खेती करना बहुत आसान होता है |   भारत में मिर्च की खेती इतनी की जाती है कि दूसरे देशों को भी मिर्च बेचा जाता है | और मिर्च का स्वाद इस प्रकार होता है कि कुछ लोग उसको अधिक खाना पसंद करते हैं | और कुछ लोग उसको बहुत कम खाते है | मिर्च का स्वाद तीखा होता है | और मिर्च की मांग बाजार में हर मौसम में रहती है | जो किसान मिर्च की खेती करते हैं | वह मिर्च की खेती करके अधिक लाभ कमाते हैं |

मिर्च की खेती करने का तरीका –

मिर्च की खेती करने वाले किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए | जो मिर्च की खेती करते समय उनकी मदद करती हैं | मिर्च की खेती करते समय ध्यान देने वाली बातें –

 खेत को तैयार करना –   

किसी भी फसल को बोने से पहले आपको अपने खेतों को तैयार करना पड़ता है | और खेत की तैयारी करने के लिए आपको सबसे पहले अपने खेतों की जुताई करने की आवश्यकता होती है | जुताई करने से हमारे खेत की मिट्टी में हवा का अच्छा संचार हो जाता है | और खेत की जुताई करने से हमारे मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता में भी वृद्धि होती है | जुताई करने से हमारे खेत में खरपतवार कुछ मात्रा तक खेत से निकल जाते हैं | जुताई करने के लिए आपको कल्टीवेटर का प्रयोग करना चाहिए |

 

 

 खेत की मिट्टी को खरपतवार से मुक्त करना –

अगर आप चाहते हैं | कि आपकी फसल की अच्छी उपज हो | तो आपको अपने खेतों से खरपतवार को निकालना होता है | खेत में से खरपतवार को निकालने के लिए आप मज़दूरों की भी मदद ले सकते हैं | और अगर आप चाहें तो अपने खेत को मशीनों के द्वारा भी खरपतवार से मुक्त कर सकते हैं | अगर आप मशीन का प्रयोग करते हैं | तो आपको अधिक खर्च नहीं लगता है | और अगर आप मज़दूरों की मदद लेते हैं | तो आपको अधिक खर्च लगता है | कोशिश करे की आप अपने खरपतवार को मशीन द्वारा ही निकलवाए | और अगर आप चाहे तो रासायनिक दवाओं का छिड़काव करके भी अपने खेत को खरपतवार से मुक्त कर सकते हैं |

 खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए खाद का प्रयोग –

 

किसी भी फसल का अच्छा विकास तभी होता है | जब वह खेत की जमीन उपजाऊ होती है | अगर आपके जमीन की उर्वरक शक्ति कम है | तो आपको अपने खेतों में खाद का प्रयोग करना चाहिए | अपने खेतों में आपको गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए | गोबर की खाद का मिलना बहुत आसान होता है | ये आपको आपके घर पर भी मिल जाती है | गोबर की खाद को डालने से हमारे खेत में उर्वरक शक्ति का बहुत तेजी से विकास होता है | गोबर की खाद हमारे खेत को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाती है | क्योंकि यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक खाद मानी जाती है | रसायनिक खादों की अपेक्षा या खाद आपको सस्ती पड़ती है | अगर आप एक एकड़ में खेती करना चाहते हैं | तो आपको अपने खेत में कम से कम चार ट्रॉली गोबर की खाद डालनी चाहिए |

 सुरक्षा के लिए खेत का घेराव –

फसल की सुरक्षा के लिए खेत का घेराव करना बहुत जरूरी होता है | क्योंकि जिस खेत में फसल सुरक्षित रहती है | वह अच्छा पैदावार भी प्रदान करती है | खेत का घेराव करने के लिए आपको लोहे के पाइपों का प्रयोग करना चाहिए| क्योंकि  लोहे के पाइप मजबूत होते हैं | और यह जल्दी खराब भी नहीं होते हैं | अगर आपके पास पैसों की कमी है | तो आप बांस का भी प्रयोग कर सकते हैं | कोशिश करें कि आपके बांस मजबूत और लंबे हो | बांस की लंबाई कम से कम 8 फिट तक होनी चाहिए | बांस और पाइप के साथ-साथ आपको रस्सी और तारों की भी जरूरत पड़ती है |  आप को बहुत मजबूती से  गाड़ना चाहिए | ताकि कोई भी जानवर आसानी से तोड़ कर खेत में प्रवेश न कर सके |

मृदा का चुनाव –

किसी भी फसल की अच्छी उपज के लिए सबसे जरूरी होता है | सही मृदा और सही जलवायु | मिर्च की खेती आप सभी मृदा में कर सकते हैं | लेकिन मिर्च की खेती करने के लिए उपयुक्त मिट्टी काली दोमट को माना जाता है |  जलवायु को आप इस प्रकार चुनाव करें की वह न तो अधिक गर्म हो | न अधिक सर्द और न ही अधिक बरसात होने वाली जलवायु | यह मौसम केवल फरवरी से लेकर मार्च अप्रैल तक पाया जाता है |

उपजाऊ बीजों का चुनाव –

अगर आप सही पैदावार पाना चाहते हैं | तो आपको सही चीजों का चुनाव करना पड़ता है | आपको अपने खेत के लिए उपजाऊ बीजों का चुनाव करना पड़ता है | मिर्च की खेती करने वाले किसानों का मानना है  | कि अर्का मेघना, अर्का श्रेता , काफी सुर्ख, काशी अर्ली , पूसा सदाबहार जैसे कुछ उन्नतिशील बीज है जो किसानों को अधिक लाभ प्रदान करते हैं |

मिर्च की खेती करने के लिए नर्सरी का निर्माण –

अगर आप मिर्च की खेती करना चाहते हैं | तो आपको मिर्च के पौधों की जरूरत पड़ती है | अगर आप एक एकड़ में मिर्च की खेती करना चाहते हैं | तो आपको लगभग 8000 पौधों की जरूरत पड़ती है | आप चाहे तो बीजों से नर्सरी का निर्माण कर के पौधे उगा सकते हैं | और अगर आप चाहे तो बाजार से सीधे पौधों को भी खरीद सकते हैं | अगर आप पौधों को खरीदते हैं | तो आपको अधिक पैसों की लागत आती है | और अगर आप बीजों को खरीदकर नर्सरी में  पौधों उगाते हैं | तो आपको लागत कम आती है | नर्सरी तैयार करने से आपको लगभग पांच से ₹6000 की बचत होती है | नर्सरी का निर्माण करने के लिए आपको सबसे पहले बाजार से उन्नतिशील बीजों को लाना है | और उन बीजों को प्रो ट्रे में बो देना है | बीजों को बोने से पहले आपको प्रो ट्रे और वर्मी कम्पोस्ट तथा नारियल की खाद को लेना पड़ता है | और उन दोनों खादों को आपस में अच्छे तरीके से मिलाकर उस प्रो ट्रे में डालना चाहिए | खाद को प्रो ट्रे में डालने के बाद खाद के ऊपर से एक डिब्बे में एक बीज को डालना चाहिए | बीज को डालने के बाद बीजों के ऊपर से खाद की एक परत को और डालना चाहिए | ताकि बीज ढक जाये | बीजों को बोने के बाद आपको उस प्रो ट्रे को रखने की व्यवस्था करनी पड़ती है | ताकि उसमें अधिक धूप न लगे | और वह अपना विकास आसानी से कर सके | प्रो ट्रे को रखने के लिए आपको ग्रीन हाउस का निर्माण करना पड़ता है | जिसमें हल्की हल्की धूप का प्रवेश होता है | और हल्की धूप पौधों के लिए अधिक लाभदायक मानी जाती है | और साथ ही साथ आपको उस प्रो ट्रे पर पानी का छिड़काव करना पड़ता है | उस प्रो ट्रे पर नमी बनी रहे| और रोजाना देखना पड़ता है | उस पर किसी प्रकार की बिमारी तो नहीं लग रही है | नर्सरी 30 से 35  दिनों में तैयार हो जाती है | और इसके बाद आप उन पौधों को नर्सरी से निकलकर अपने खेतों में बो  सकते हैं |

बीजों को बोने का तरीका –

मिर्च के बीजों को बोने का तरीका इस प्रकार है | कि आप किस मिट्टी में मिर्च की खेती करना चाहते हैं| अगर आप मिर्च की खेती करना चाहते हैं | तो आपको अपने मिट्टी का चुनाव करना पड़ता है | अगर आपके क्षेत्र में अधिक पानी लगता है | तो आपको बेड विधि से मिर्च की खेती करनी चाहिए | अगर आपके खेत में अधिक पानी नहीं लगता है | तो आप सामान्य रूप से खेत को समतल करके मिर्च की खेती कर सकते हैं |

 

बेड का  निर्माण –

बेड विधि से मिर्च की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि बेड का निर्माण आप आसानी से कर सकते हैं | बेड का निर्माण आप मशीन और मजदूर दोनों की मदद से कर सकते हैं | अगर आप मज़दूरों की मदद से निर्माण करते हैं | तो आपको अधिक खर्च लगता है | तथा  आप मशीन की मदद से बेड का निर्माण कराते हैं | तो आपको कम खर्च लगता है | बेड का निर्माण करते समय आपको बेड से बेड की दूरी 1.5 फिट तक रखनी चाहिए | अगर आप चाहे तो 2 फिट तक रख सकते हैं | बेड के बीच की जगह में आप अन्य सब्जियों की भी बो सकते हैं | बेड  की चौड़ाई 2.5 फिर तक रखनी चाहिए | और बेड की ऊँचाई 1 फिट तक रखनी चाहिए | बेड विधि को अपनाने से आपको सिंचाई करने की कम आवश्यकता पड़ती है |

मल्चिंग पेपर का प्रयोग-

अगर आप बेड विधि से मिर्च की खेती करते हैं | तो आपको मल्चिंग पेपर का प्रयोग करना पड़ता है | मल्चिंग पेपर का प्रयोग करने से बेड की सुरक्षा होती है | वह जल्दी खराब नहीं होता है | मल्चिंग पेपर आपको आपके बाजार से ही मिल जाता है | अगर यह आपके बाजार में नहीं मिलता है | तो आप इसको ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं | मल्चिंग पेपर को बेड के ऊपर से डालकर बेड को पूर्ण रूप से ढक दिया जाता है | तथा पौधे लगाने की जगह के लिए मल्चिंग पेपर को गोलाई में छेद कर दिए जाता है | और मल्चिंग पेपर के किनारे-किनारे मिट्टी डाल दी जाती है ताकि यह जल्दी से उखड़े ना |

मिर्च की सिचाई –

 

मिर्च की खेती करने पर आपको उसे सिंचाई करने की भी आवश्यकता पड़ती है | मिर्च कि सिंचाई इस बात पर निर्भर करते हैं | कि आप किस मिट्टी में मिर्च की खेती कर रहे हैं| अगर आप हल्की मृदा में मिर्च की खेती करते है | जिसमे बहुत जल्दी पानी सूख जाता है | तो आपको जल्दी जल्दी सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है | अगर आप मिर्च की खेती ऐसी मिट्टी में करते हैं | जहाँ जल्दी पानी नहीं सूखता है | तो आपको सिंचाई करने की कम जरूरत पड़ती है |

मिर्च में कौन-कौन सा रोग फसल में होता है ?

सभी प्रकार की फसल में कुछ न कुछ रोक पाया जाता है | अगर आप मिर्च की खेती करते हैं | तो आपको सबसे पहले अपने बीजों का रोग उपचार कर देना चाहिए | जिससे आपकी फसल में कम रोग लगते हैं | और फिर भी आप की फसल में रोग लग रहे हैं | तो आपको बाजार से उन रोगों की दवा लाकर छिड़काव कर देना चाहिए | मिर्च की फसल पर Thrips, Aphips, Whithe fly, Mealybugs, Mites , जैसे रोगों को देखा जाता है | तथा फसल के विकास के लिए आपको कई प्रकार की खादों को अपने खेत में डालना पड़ता है |

मिर्च की फसल में कितना लाभ मिलता है ?

मिर्च की खेती करते हैं | तो आपको फसल की सुरक्षा तथा फसल की देखभाल करने की आवश्यकता पड़ती है | और आपकी फसल जब तैयार हो जाए तो आपको अपने मिर्च को खेत से तोड़कर मंडी ले जाकर बेचने की आवश्यकता होती है | मंडी के थोक भाव हर समय अलग-अलग रहता है | अगर आप एक एकड़ में मिर्च की खेती करते हैं | तो आपको 100 से 150 क्विंटल मिर्च प्राप्त होती है | और मंडी का दाम लगभग 20 से 50 रुपया प्रति किलो ग्राम के बीच पाया जाता है | मान लीजिए इस बार मंडी में मिर्च का थोक भाव ₹25 प्रति किलोग्राम है | और आपको 100 क्विंटल मिर्च प्राप्त हुई है | तो इस हिसाब से आपको 2,50,000 रुपया प्राप्त होता है|

 मिर्च की खेती करने में कितनी लागत आती है ?

profit                                                                       मिर्च की खेती करने के लिए आपको अपने खेत को तैयार करना पड़ता है | खेत की सुरक्षा के लिए आपको खेत का घेराव करना पड़ता है | तथा फसल की अधिक पैदावार के लिए खेत में खाद डालने की जरूरत होती है | और सब करने से पहले आपको बाजार से बीजों को लाकर उन्हें नर्सरी में तैयार करना पड़ता है | पौधों को तैयार होने के बाद बेड का निर्माण करके उनकी बुआई करवानी पड़ती है | तथा उस बेड की सुरक्षा करने के लिए मल्चिंग पेपर क प्रयोग करना पड़ता है  साथ ही साथ मिर्च की सिंचाई भी की जाती है | अगर फसल में किसी प्रकार का रोग लगता है | तो आपको दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है | फसल की तैयारी के बाद उसकी कटाई करके मंडी में ले जाकर बेचना पड़ता है | एक एकड़ में मिर्च की खेती करने के लिए आपको लगभग 55,000 रुपयों की जरूरत पड़ती है |

* FAQ *

(a) मिर्च की खेती करने के सबसे सही समय कौन सा होता है ?

                                                                                     मिर्च की खेती आप तीनों समय में कर सकते हैं | मिर्च की खेती आप फरवरी से मार्च के महीने में तथा जुलाई से अगस्त के महीने में और अक्टूबर से नवंबर के महीने में मिर्च को बो सकते हैं |

(b) एक एकड़ में कितने क्विंटल मिर्च के उत्पादन होती है ?

अगर आप एक एकड़ में मिर्च की खेती करते हैं तो आपको 100 से 150 क्विंटल मिर्च के उत्पादन प्राप्त होती है |

(c) एक एकड़ में मिर्च की खेती करने पर कितना खर्चा आता है ?

अगर आप  एक एकड़ में मिर्च की खेती करते हैं तो आपको बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है तथा अपने खेतों में दबाव को डालना पड़ता है कुल मिलाकर अगर आप एक एकड़ में मिर्च की खेती करते हैं तो आपको लगभग ₹50,000 से ₹55,000 तक खर्चा आता है |

 (d) मिर्च की फसल को तैयार होने में कितना समय लगता है ?

मिर्च की खेती कितने दिनों में तैयार होगी | यह बात इस पर निर्भर करती है कि आप कौन से किस्म के बीजों को बोते हैं | मिर्च के बीजों में कई सारी किस्मे आती है | कुछ किस्मे बहुत जल्दी तैयार हो जाती है | और कुछ किस्मों को तैयार होने में समय लगता है | मिर्च की खेती लगभग 80 से 100 दिनों तक तैयार हो जाती है |

 

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