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सरसों की खेती कैसे करें ?How to cultivate mustard?

सरसों की खेती कैसे करें ?How to cultivate mustard?

सरसों की खेती करना बहुत आसान होता है | सरसों का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक किया जाता है | और सरसों का प्रयोग करने से हमको बहुत लाभ मिलते हैं| सरसों की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है | सरसों का प्रयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों में किया जाता है | कंपनियों में लोग यही सरसो के तेल को ज़रा सा शुद्ध करके उसे पैकेट में भर कर अधिक लाभ कमा रहे हैं |

सरसों की खेती क्या है ?

 

सरसों की खेती करना बहुत आसान होता है | सरसों का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक किया जाता है | और सरसों का प्रयोग करने से हमको बहुत लाभ मिलते हैं| सरसों की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है | सरसों का प्रयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों में किया जाता है | कंपनियों में लोग यही सरसो के तेल को ज़रा सा शुद्ध करके उसे पैकेट में भर कर अधिक लाभ कमा रहे हैं | सरसों को पीसने के बाद उसमें खली निकलती है | उस खली का प्रयोग बहुत सारी चीजे में किया जाता और उस खली का मुख्य तौर पर प्रयोग किसान अपने जानवरों को खिलाने में करते हैं | और वह अपने जानवरों को खली इसलिए खिलाते हैं | क्योंकि खली के अंदर ताकत पाई जाती है | जो हमारे जानवरों के लिए लाभदायक मानी जाती है | सरसों का तेल हमारे लिए बहुत उपयोगी होता है यह  सरसों का तेल सभी प्रकार के भोजनों में प्रयोग किया जाता है |

 

सरसों की खेती-

सरसों की खेती आप बहुत आसानी से करते हैं | बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है | और आपको इन प्रकार की सावधानियां रखनी पड़ती है | सरसों की खेती करते समय कुछ ध्यान देने वाली बातें इस प्रकार है –

खेत का निर्माण –

सरसों की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले खेत को तैयार करना होता है | ताकि वह सरसों की खेती करने योग्य हो जाए  |  खेत को तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले खेत की जुताई करने की आवश्यकता पड़ती है | और आपको खेत की जुताई पहली और दूसरी बार कल्टीवेटर से करनी पड़ती है | और आपको जुताई गहराई तक करनी चाहिए | ताकि हमारे खेत में हवा का संचार अच्छे से हो सके | खेत की जुताई करने से हमारे खेत में पानी सोखने की क्षमता भी बढ़ जाती है | जिससे फसल का अच्छ विकास होता है |

खेत में खाद को डालना-

 

अगर आप चाहते हैं कि आपकी फसल की अच्छी पैदावार हो | तो आपको अपने खेत में उर्वरक शक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता होती है | अपने खेत में उर्वरक शक्ति को बढ़ाने के लिए आपको अपने खेत में गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए | गोबर की खाद आपको अपने घर पर भी मिल सकती है | अगर आपके घर पर गोबर की खाद नहीं है | तो आप गोबर की खाद को खरीद कर भी अपने खेतों में डाल सकते हैं| गोबर की खाद डालने से हमारे खेत में किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है | क्योंकि गोबर की खाद पूर्ण रूप से प्राकृतिक मानी जाती है | एक एकड़ खेत में आपको 3 से 4 ट्रॉली गोबर की खाद को डालना चाहिए |

खेत की सुरक्षा-

अगर आप चाहते हैं कि आपकी फसल सुरक्षित रहें | तो आपको अपने खेतों की सुरक्षा करने के लिए सबसे पहले खेतों का घेराव करना होता है | खेत का घेराव करने के लिए आप लोहे के पाइपों का भी प्रयोग कर सकते हैं | अगर आपके पास पैसों की कमी है | तो आप बॉस का भी प्रयोग कर सकते हैं | बासो को आपको बहुत मजबूती से गाड़ना होगा | ताकि कोई भी जंगली जानवर आसानी से उसे उखाड़ न सके | बास की लंबाई कम से कम 8 फिट तक होनी चाहिए | बास के साथ-साथ आपको रस्सी और तारों की भी जरूरत पड़ती है |

सरसों की खेती करने के लिए उन्नतिशील बीज –

किसी भी फसल की अच्छी पैदावार तभी होती है | जब आप उन्नतिशील बीजों का प्रयोग करते है | सरसों के उन्नतिशील बीजों के नाम इस प्रकार है – 1666, Pa5210, RH725, आदि बीज है| सरसों की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि यह बीज उनको अच्छी पैदावार प्रदान करता है |

सरसों के बीजों को बोने का तरीका –

सरसों की खेती करने से पहले आपको खेतों को पूर्ण रूप से तैयार करना पड़ता है | और वह जब पूर्ण रूप से तैयार हो जाए | तब आपको सरसों को बोना चाहिए | सरसों को बोने के लिए आपको बाजार से उन्नतिशील बीजों को लाना  चाहिए | और उन बीजों का बीज उपचार अवश्य करना चाहिए | बीज उपचार करने से आपके बीजों का अच्छा अनुकरण होता है | बीजों को बोने से पहले आपको खेत की जुताई कर देनी चाहिए | और फिर बीजों को छिड़काव  विधि से बोना चाहिए | बीजों को बोने के बाद खेत की एक बार और रोटावेटर से जुताई कर देनी चाहिए | ताकि बीज मिट्टी मे मिल जाए |

सरसों की सिंचाई –

 

आपको सरसों की सिंचाई करने की जरूरत पड़ती है | और आपको सरसों की बुवाई करने के 20-25 दिन बाद सरसों की सिंचाई करने की जरूरत पड़ती है | सरसों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है | आप सरसों की खेती किसी भी मिट्टी में कर सकते हैं | और आपको सरसों की खेती मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक कर देनी चाहिए | सरसों की फसल को लगभग तीन बार सिंचाई करने की आवश्यकता  पड़ती है |

सरसों की फसल में कौन-कौन से रोग होते हैं –

सरसों की खेती करना बहुत आसान होता है | यह कोई भी किसान कर सकता है | लेकिन सरसों की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि उनको समय-समय पर कुछ बीमारियों का सामना करना पड़ता है | जैसे – आरा मक्खी , पेटेंट बम कीट, तना छेदक , झुलसा रोग, सफेद रोली, माहू, जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है | अगर आप की फसल में इनमें से कोई भी रोग हो जाता है | तो आपको बाजार से कीटनाशक दवाओं को लाकर अपनी फसल पर छिड़काव कर देना चाहिए | और आपको अपनी फसल के विकास के लिए कई प्रकार की खादों का भी छिड़काव करना पड़ता है |

सरसों की कटाई –

सरसों की फसल तैयार होने की बात इस पर निर्भर करती है | कि आप किस किस्म के बीजों बोते हैं | अगर आप किसी भी किस्म के बीजों को बोते हैं | लगभग सभी प्रकार के बीजों की फसल 120 से 140 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है | फसल तैयार होने के बाद आपको फसल की कटाई करनी पड़ती है | फसल की कटाई करने के बाद  आपको उन सरसों के पौधों में से सरसों को अलग करने के लिए उनकी मनाई करने की जरूरत पड़ती है |

1 एकड़ में सरसों की खेती करने के लिए कितने पैसों की जरूरत पड़ती है ?

अगर आप एक एकड़ में सरसों की खेती करते हैं | तो आपको सबसे पहले खेत तैयार करना होता है | और खेत तैयार होने के बाद उसमें खाद डालने की जरूरत पड़ती है | साथ ही साथ खेतों की सुरक्षा करने के लिए आपको बांस गाड़ने की जरूरत पड़ती है | तथा फसल को तीन चार बार सिंचाई देने की जरूरत पड़ती है | और फसल को रोगों से बचाने के लिए आपको दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है | तथा जब फसल तैयार हो जाए | तो उसे मंडी ले जाकर बेचना पड़ता है | फसल को ले जाने के लिए आपको वाहन का खर्च लगता है | वाहन का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप के खेत से मंडी की दूरी कितनी है | अगर आप से 1 एकड़ में सरसों की खेती करते हैं | तो आपको ₹10,000 की जरूरत पड़ती है|

सरसों की फसल कितना लाभ मिलता है ?

अगर आप सरसों की खेती करते हैं | तो आपको सबसे पहले सरसों को बोने की जरूरत पड़ती है | और फसल की सुरक्षा करनी पड़ती है | सरसों की खेती करने वाले किसान 1 एकड़ में लगभग 10 से 15 क्विंटल तक सरसो प्राप्त करते हैं | इसके बाद आपको सरसों को मंडी में ले जाकर बेचना पड़ता है 10 क्विंटल के हिसाब से आपको ₹50,000 प्राप्त होता है |

* FAQ *

(a)  सरसों की खेती करने का उच्चतम समय का कौन सा होता है ?

अगर आप सरसों की फसल बोना चाहते हैं | आपको मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर के बीच में सरसों की बुवाई कर देनी चाहिए |

(b) सरसों की फसल को तैयार होने में कितना समय लगता है ?

सभी किस्म के बीजों के तैयार होने का समय अलग-अलग होता है | लगभग सभी बीज 120 से 140 दिनों में तैयार हो जाते है |

(c) सरसों की फसल की कितनी बार सिंचाई की जाती है ?

सरसों की फसल की खेती आप किसी मिट्टी में कर सकते हैं |

सरसों  की फसल को लगभग तीन से चार बार सिंचाई करने की आवश्यकता होती है |

(d) 1 एकड़ खेत में कितनी सरसों प्राप्त की जा सकती है ?

हर जगह पर सरसों की अलग अलग उत्पादन मात्रा होती है | सरसों की उत्पादन मात्रा बीजों की नस्लों के ऊपर निर्भर होती है | सरसों की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि वह 1 एकड़ में लगभग 15 से 20 क्विंटल सरसो प्राप्त कर लेते हैं |

 

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