सेम की खेती कैसे करें ?How to cultivate beans?
सेम की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि वह सेम की खेती करने के बाद अधिक लाभ कमा रहे है | अगर आपके पास कोई रोजगार नहीं है | तो और आप कृषि कार्य में रुचि रखते हैं | तो आपको ये खेती जरूर करनी चाहिए | इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है|
सेम की खेती क्या है परिचय –
Contents
- 1 सेम की खेती क्या है परिचय –
- 2 सेम की खेती करने का तरीका –
- 3 बीजों को बोने का तरीका –
- 4 बीज की बुआई करने के लिए बेड का निर्माण –
- 5 सेम की सिंचाई –
- 6 मार्चिंग पेपर का प्रयोग कैसे करें ?
- 7 सेम को बांधने का तरीका-
- 8 उनके फल में कौन सा रोग अधिक होता है ?
- 9 सेम की फसल में कितना लाभ मिलता है –
- 10 सेम की फसल को बोने में कितना खर्च आता है ?
- 11 * FAQ *
सेम का प्रयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है | सेम का स्वाद बहुत अच्छा होता है | सेम की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है | क्योंकि सेम को बहुत सारे लोग पसंद करते हैं | सेम की खेती करने का समय जुलाई से अगस्त तक माना जाता है | क्योंकि सेम को 16 से 20 डिग्री तापमान की जरूरत होती है | सेम की खेती करना बहुत आसान होता है | सेम की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि वह सेम की खेती करने के बाद अधिक लाभ कमा रहे है | अगर आपके पास कोई रोजगार नहीं है | तो और आप कृषि कार्य में रुचि रखते हैं | तो आपको ये खेती जरूर करनी चाहिए | इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है| सेम का प्रयोग सब्जी , चोखा ,जैसे खाद्य पदार्थों के लिए किया जाता है | सेम की मांग भी बाजार में अधिक रहती है | सेम की मांग का कारण है कि लोग इसको अधिक पसंद करते हैं |
सेम की खेती करने का तरीका –
सेम की खेती करने के लिए आपके पास खेत का होना बहुत जरूरी है | अगर आप सेम की खेती चाहते हैं | तो आपको सबसे पहले उस खेत की जुताई ,खाद्य सिंचाई , अन्य निम्नलिखित कार्यों को करना होगा |
खेत का निर्माण –
अगर आप एक एकड़ में सेम की खेती करना चाहते हैं | तो आपको सबसे पहले अपने खेत को अच्छे तरीके से तैयार करना होगा | आपको अपने खेत के सभी खरपतवार को निकालकर बाहर कर देना है | अगर आपके पास मजदूर नहीं है | तो आप खरपतवार को मशीनों के द्वारा भी निकाल सकते हैं | वो खरपतवार को निकालने के बाद आपको उस खेत में खाद देने की आवश्यकता होती है | अगर आपके पास गोबर की खाद है | तो आपको वही खाद उपयोग करना चाहिए | अगर आपके पास खाद नहीं है | तो आपको गोबर की खाद को खरीद कर खेत में डालना चाहिए | क्योंकि खेत की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने में गोबर की खाद का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है | एक एकड़ में लगभग चार ट्रॉली गोबर की खाद को डालना चाहिये | गोबर की खाद का प्रयोग करने से आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है गोबर की खाद डालने के बाद आपको खेत की अच्छी तरीके से जुताई कर देनी है ताकि गोबर की खाद और मिट्टी आपस में मिल जाए | करने के बाद आपको खेत को कुछ दिनों तक खुला छोड़ देना है | ताकि उनमें अच्छे से हवा जा सके | अगर आपके खेत में नमी नहीं है | तो आपको खेत की सिंचाई करने की जरूरत होती है |
खेत की सुरक्षा के लिए खेत का घेराव –
फसल की सुरक्षा करने के लिए अपने खेत को चारो तरफ से घेराव कर देना होता है | जो आपके खेत की सुरक्षा करता है | अगर आपके खेतों का घेराव किया गया है | तो आपकी फसल सुरक्षित रहेगी | खेत का घेराव करने के लिए आपको बांस का प्रयोग करना होता है | अगर आपके पास पैसों की दिक्कत नहीं है | तो आप लोहे की रॉड का भी प्रयोग कर सकते हैं | खेत को अधिक सुरक्षित करने के लिए आप में झटका मशीन का भी प्रयोग कर सकते हैं |
खेत की बुआई करने के लिए बीज की किस्मों का चुनाव –
अगर आप फसल की अच्छी पैदावार चाहते हैं | तो आपको अच्छे पैदावार वाले बीजों का चुनाव कराना चाहिए | क्योंकि फसल की अच्छी उपज में उन्नतिशील बीजों योगदान होता है | अगर आप अच्छे के बीजों का चुनाव करते हैं | तो आपको अधिक लाभ भी मिलता है | सेम की अच्छी उपज के लिए जो की कुछ निम्नलिखित बीज हैं जो अधिक लाभ प्रदान करते हैं जैसे – INDICA SEM , SARPAN SEEDS-72 ,SAKAR SEEDS , MEGHA SEM , KASHI SEM , JAWAHAR SEM , अन्य बीजों को किसान अधिक लाभदायक मानते है |
बीजों को बोने का तरीका –
अगर आप की की बुआई करना चाहते हैं | तो आपको सबसे पहले अपने खेतों के लिए बीज लाने की आवश्यकता होती है | आपको उन्नतिशील बीजों का चुनाव करना होता है | बीजों को लाने के बाद आपको उन बीजों को रोग मुक्त करने की आवश्यकता होती है | आप चाहे तो रासायनिक खादों में भी उनको धो सकते हैं | और आप चाहे तो गौ मूत्र में भी इसको धो सकते हैं | आपको बीजों को रोग मुक्त करने के बाद ही उनको बोना चाहिए | बीज की बुआई करने से पहले आपको वो 1 दिन पहले पानी में भिगोकर रखना चाहिए | आपको बीजों को सेड के किनारे पर बोना चाहिए |
बीज की बुआई करने के लिए बेड का निर्माण –
आपको सेम की खेती करने के लिए बेड का निर्माण करना होता है |बेड का निर्माण करने से आपको अधिक लाभ मिलता है |बेड का निर्माण करते समय आपको एक बेड से दूसरे बेड के बीच की दूरी लगभग चार फिट तक रखनी चाहिए | अगर आपको बेड का निर्माण करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं | तो आप बेड का निर्माण मशीन से भी करा सकते हैं |बेड की उचाई एक फिट तक रखनी चाहिए |बेड की चौड़ाई आपको दो फिट तक रखना चाहिए | बेड का निर्माण करने के लिए आपको खेत की मिट्टी को कई बार जुताई करनी होती है | जिससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए | तभी आपका बेड अच्छी तरीके से बन पाएगा |बेड का निर्माण करने से दो बेड के बीच एक नाली बन जाती है | अगर आपके क्षेत्र में बरसात नहीं हो रही है | तो आप उस नाली से अपनी फसल की सिंचाई कर सकते हैं | सेम को सिंचाई करने की अधिक आवश्यकता होती है |
सेम की सिंचाई –
सेम की सिंचाई करने के लिए आपको सिंचाई करने वाली मशीन का प्रयोग करना हो चाहिए | वैसे तो सेम की खेती करने वाले किसानों का का मानना है | कि वह सेम की खेती बरसात के मौसम में करते हैं | जिससे उनको सिंचाई कहने की अधिक जरूरत नहीं पड़ती है | सेम की सिंचाई इस बात पर निर्भर करती है| कि आप किस मिट्टी में सेम की खेती कर रहे हैं | अगर आप सेम की खेती दोमट मिट्टी में करते हैं | तो आपको सिंचाई करने की कम आवश्यकता पड़ती है | अगर आप सेम की खेती चिकनी मिट्टी में करते हैं | या दोमट मिट्टी में करते हैं | तो आपको सेम की सिंचाई करने की अधिक आवश्यकता होती है |
मार्चिंग पेपर का प्रयोग कैसे करें ?
आप सेम की खेती अच्छे तरीके से करना चाहते हैं | तो आपको मार्चिंग पेपर का प्रयोग करना चाहिए| मार्चिंग पेपर का प्रयोग आपकोबेडके ऊपर इससे करना होता है| अगर आप सीड का निर्माण कर चुकें हैं तो आपको सेट के ऊपर से मार्चिंग पेपर का प्रयोग करना होता है | मार्जिन पेपर का प्रयोग करने से आपको जल्दी-जल्दी सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है | तथा मार्चिंग पेपर का प्रयोग करने से आपकेबेडजल्दी खराब नहीं होते है| मार्चिंग पेपर आपको आपकी नजदीकी बाजार से मिल जाता है | अगर आपको मार्चिंग पेपर आपके बाजार में नहीं मिल रहा है | तो आप इसको ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं |
सेम को बांधने का तरीका-
अगर आप सेम की फसल को अच्छे से उगाना चाहते हैं | तो आपको सेम के पौधों की बधाई करने की जरूरत होती है | आपको बधाई करने के लिए बांस की जरूरत पड़ती है | साथ ही साथ आपको रस्सी की भी जरूरत पड़ती है | सेम के पौधे की बधाई करने से पौधों की लंबाई में विकास होता है | और सेमजमीन पर नहीं रहती है | जिससे उसका विकास अधिक होता है| सेम के फल का विकास भी बहुत अच्छे तरीके से होता है | सेम के पौधों को बांधाई करना बहुत जरूरी होता है |
उनके फल में कौन सा रोग अधिक होता है ?
सेम की खेती करनेवाले किसानों को रोगों का सामना करना पड़ता है | अगर वह अपनी फसल के अच्छे तरीके से देखभाल नहीं करते हैं तो | सेम की फसल में मुख्यतौर पर पीला मोजेक वायरस नामक रोग अधिक देखने को मिलता है | सेम की फसल में समय-समय पर दवाओं का छिड़काव करना बहुत जरूरी होता है | फसल को बोने के तुरंत बाद ही आपको कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना होता है | और अगर आपके फसल में और कोई प्रकार का रोग आता है | तो आप उसकी दवा बाजार से लेकर फसलों पर छिड़काव कर सकते हैं|
सेम की फसल में कितना लाभ मिलता है –
अगर सेम की फसल में आपको अच्छी पैदावार होती तो आप को अच्छा मुनाफा भी होता है | दलहनी फसल है | जो लोगों द्वारा से अधिक पसंद की जाती है | सेम की खेती अगर आप एक एकड़ में करते हैं | तो आपकी लगभग 80 से 100 क्विंटल की फसल तैयार होती है | अगर आपके बाजार में सेम की कीमत ₹30 प्रति किलोग्राम है | तो आपको लगभग ₹2,40,000 का लाभ मिलता है | अगर आपको 80 क्विंटल फसल प्राप्त होती है तो |
सेम की फसल को बोने में कितना खर्च आता है ?
सेम की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले उस खेत की अच्छे से जुताई करनी होगी | जिससे वह सेम की खेती करने योग्य हो जाए | इसके बाद आपको उस खेत की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने के लिए उसमें गोबर की खाद डालने की जरूरत होती है | आपको उस खेत की कई बार सिंचाई करने की जरूरत होती है | तथा अगर आपबेडका निर्माण मशीनों से कराते हैं | तो आपको उसका खर्च कम आता है | अगर आपबेडका निर्माण मज़दूरों से कराते हैं | तो उसका खर्चा आपको अधिक आता है | आपको सेम की खेती में पौधों की बधाई करने की जरूरत होती है | उसमें बांस और रस्सी का खर्च आता है | कुल मिलाकर अगर आप एक एकड़ में सेम की खेती करना चाहते हैं | तो आपको लगभग ₹40,000 से ₹45,000 का खर्चा आ सकता है |
* FAQ *
(a) सेम की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है ?
सेम की फसल कितने दिनों में तैयार होती है | यह बात इस पर निर्भर करती है कि आप कौन से किस्म के बीजों को बोते हैं | सेम की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि अगर आप चाहे किसी भी किस्म के बीजों को बोये तो 60 से 65 दिनों में आप फसल को निकाल सकते हैं |
(b) सेम की खेती मुख्य तौर पर किस महीने में की जानी चाहिए ?
अगर आप की खेती करना चाहते हैं तो आपको ठंडी के अंतिम महीनों में सेम की बुआई कर देनी चाहिए |
(C) सेम कौन से किस्म की फसल है ?
सेम दलहनी किस्म की फसल है जो खरीफ के समय में बोई जाती है |
(D) सेम की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है ?
सेम की फसल कितने दिनों में तैयार होगी यह बात इस पर निर्भर करती है कि आप कौन से किस्म के बीजो को बोते हैं | आप चाहे किसी भी किस्म के बीज को बोये लगभग 110 दिनों में सभी प्रकार के बीच तैयार हो जाते हैं |
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