ऑटो पार्ट्स का आयात-निर्यात कैसे करें ? How to import-export auto parts?
आपको आज-कल कई सारी गाड़ियां देखने को मिलती हैं | और हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के वाहन का प्रयोग करता है | और वाहन की सहायता से आप दूरी को कम समय में तय कर सकते हैं | और किसी भी कार्य को करने में आपको वाहन की जरूरत पड़ती है | आपको अपने आस-पास सभी प्रकार की गाड़ियां देखने को मिलती है | और गाड़ियां खराब भी होती है | तो उनको बनाने की दूकान भी आपको अपने आस-पास देखने को मिल जाती है | आपको पता है जो गाड़ियां हम अपने आस-पास देखते हैं | वह सब भारत में नहीं बनाई जाती है | कुछ ही गाड़ियां को भारत में बनाया जाता है | आपको अपनी गाड़ियों में कई बार नए पार्ट लगवाने पड़ते हैं | तो आपको पता है कि कुछ ही गाड़ी में भारत में बनाई जाती है | तो उन विदेशी गाड़ियों का पार्ट बाहर से लाकर अपने यहाँ लगाया जाता है | ये कार्य भारत में कई सारे लोग कर रहे हैं | वह ऑटो पार्ट का आयात- निर्यात करते हैं | और यह कार्य करके वह अच्छा लाभ कमा रहे हैं यह व्यापार आप भी कर सकते हैं |
ऑटो पार्ट का आयात-निर्यात क्या होता है ?
Contents
- 1 ऑटो पार्ट का आयात-निर्यात क्या होता है ?
- 2 ऑटो पार्ट का आयात-निर्यात करने का तरीका ?
- 3 सामान का चुनाव –
- 4 कंपनी की स्थापना और पंजीकरण –
- 5 सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना –
- 6 IEC कोड प्राप्त करना –
- 7 GST नंबर को लेना –
- 8 बैंक में अकाउंट खुलवाना –
- 9 ग्राहक की खोज करना –
- 10 लोन कहाँ से प्राप्त करें –
- 11 अपने व्यापार में अन्य व्यक्तियों को शामिल करना –
- 12 मार्ग का चुनाव –
- 13 व्यापार में क्या सावधानियां रखनी चाहिए ?
- 14 ऑटो पार्ट के व्यापार में कितनी लागत आती है ?
- 15 ऑटो पार्ट के व्यापार में लाभ –
- 16 FAQ-
आपको आज-कल कई सारी गाड़ियां देखने को मिलती हैं | और हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के वाहन का प्रयोग करता है | और वाहन की सहायता से आप दूरी को कम समय में तय कर सकते हैं | और किसी भी कार्य को करने में आपको वाहन की जरूरत पड़ती है | आपको अपने आस-पास सभी प्रकार की गाड़ियां देखने को मिलती है | और गाड़ियां खराब भी होती है | तो उनको बनाने की दूकान भी आपको अपने आस-पास देखने को मिल जाती है | आपको पता है जो गाड़ियां हम अपने आस-पास देखते हैं | वह सब भारत में नहीं बनाई जाती है | कुछ ही गाड़ियां को भारत में बनाया जाता है | आपको अपनी गाड़ियों में कई बार नए पार्ट लगवाने पड़ते हैं | तो आपको पता है कि कुछ ही गाड़ी में भारत में बनाई जाती है | तो उन विदेशी गाड़ियों का पार्ट बाहर से लाकर अपने यहाँ लगाया जाता है | ये कार्य भारत में कई सारे लोग कर रहे हैं | वह ऑटो पार्ट का आयात- निर्यात करते हैं | और यह कार्य करके वह अच्छा लाभ कमा रहे हैं यह व्यापार आप भी कर सकते हैं |
ऑटो पार्ट का आयात-निर्यात करने का तरीका ?
अगर आप भी गाड़ियों के पार्ट को बेचना और खरीदना चाहते हैं | तो आपको यह व्यापार अच्छा लाभ दे सकता है | और आपको इस व्यापार को करने में किसी प्रकार की समस्या भी नहीं आती है | आपको सबसे पहले कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है | जो आपके व्यापार में आपकी मदद करती है | ध्यान देने वाली बातें निम्नलिखित हैं –
सामान का चुनाव –
सभी प्रकार के व्यापार में आपको किसी एक सामान का चुनाव करना पड़ता है | और उसी सामान का आयात- निर्यात करना चाहिए | आपको उसमें कई सारे काम मिल जाते हैं| आप चाहे तो गाड़ियों के टायर का आयात-निर्यात कर सकते हैं | और आप चाहे तो गाड़ियों की बायरिंग, इंजन के पार्ट , ब्रेक ,क्लच और गाड़ियों के कांच, जैसे अन्य सामानों का आयात-निर्यात कर सकते हैं | आपको इस व्यापार को करने के लिए कई सारे कार्यों को पूरा करना पड़ता है | अपने सामान को वहीं से खरीदना चाहिए जहाँ पर आपको सस्ता और अच्छा सामान मिल पाए | और आपको अपने सामान को वहीं पर बेचना चाहिए | जहाँ पर आपको अपने सामान का अच्छा दाम मिले | अपने सामान बचने की कोशिश वहीं पर करे जहा पर उसकी अच्छी मांग हो |
कंपनी की स्थापना और पंजीकरण –
किसी व्यापार को करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी कंपनी को खोलना पड़ता है | और उसको नाम देना पड़ता है | कंपनी खोलने के लिए आपको एक स्थान का चुनाव करना पड़ता है | जहाँ पर आप समान कों बेचेंगे | आपको सबसे पहले अपनी कंपनी का पंजीकरण कराना पड़ता है| यह पंजीकरण आप भी कंपनी के लिए जरूरी होता है | बिना इसके आप व्यापार को नहीं कर सकते हैं | आपकी यह कंपनी इम्पोर्ट और रिपोर्ट कंपनी के रूप में रहती है | आप चाहे तो इसमें किसी भी व्यक्ति को साझेदार बना सकते हैं |
सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना –
आपको सभी प्रकार के व्यापार से लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है | बिना सरकार के लायसेंस के आप किसी भी व्यापार को नहीं कर सकते हैं | और आपको सरकार से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अपने कुछ जरूरी दस्तावेजों को देना पड़ता है | आपको सबसे पहले अपने व्यापार में लाइसेंस लेना पड़ता है | आप इस लाइसेंस को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं | आपको अपने व्यापार में दोनों देशों की सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है अगर आप इस व्यापार को दो
देशों के बीच में कर रहे हैं तो |
IEC कोड प्राप्त करना –
सभी प्रकार के आयात निर्यात के कार्य में आपको IEC कोड की जरूरत पड़ती है | और आपके व्यापार में यह जरूरी होता है | आपको यह कोड लेने के लिए अपने कुछ जरूरी दस्तावेजों को देना पड़ता है | और आप इस कोड को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं |
GST नंबर को लेना –
अगर आप आयात-निर्यात का कार्य कर रहे हैं या फिर करना चाहते हैं | तो आपको सबसे पहले अपने व्यापार से सरकार को कर देना पड़ता है | आपको यह GST नंबर जरूरी होता है यह नंबर को आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं | यह नंबर प्राप्त करने के लिए आपको अपने और अपनी कंपनी के कुछ जरूरी दस्तावेजों को देना पड़ता है |
बैंक में अकाउंट खुलवाना –
सभी प्रकार के व्यापार में आपको लेन देन करने की आवश्यकता पड़ती है | और ये लेन-देन करने के लिए आपके पास बैंक में करंट अकाउंट होना चाहिए | तभी आप इस व्यापार में लेन-देन कर सकते हैं | यह एक अकाउंट आपको उसी बैंक में खुलवाना चाहिए | जहाँ पर आपको विदेशी पैसों को बदल कर जल्दी से जल्दी भारतीय पैसे प्रदान किए जाएं | आपको ये अकाउंट खुलवाने के लिए अपने कुछ जरूरी दस्तावेजों को देना पड़ता है |
ग्राहक की खोज करना –
आपको अपने व्यापार में ग्राहक की खोज करनी पड़ती है | तभी आप इस व्यापार में सामान को बेच पाएंगे आपको सबसे पहले इस स्थान का पता लगाना चाहिए जहाँ पर आपको अपने सामान का अच्छी मांग हो और आप को दान भी अच्छा प्राप्त हो | यु अपने ऑटो पार्ट को जर्मनी अमेरिका रूस और अन्य देशों में बेच सकते हैं आपको इन देशों मैं ऑटो पार्ट की अच्छी मांग देखने को मिलती है और यहाँ पर आप अपने सामान का निर्यात करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं आपको यहाँ पर अधिक लाभ प्राप्त होता है |
लोन कहाँ से प्राप्त करें –
अगर आप ऑटो पार्ट का आयात- निर्यात करना चाहते हैं | और आपके पास पैसों की कमी हो रही है | तो आप को सरकार से मदद लेनी चाहिए | और सरकार आपकी मदद करती है | आपको अपने बैंक से लोन प्रदान करती है | यह लोन प्राप्त करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी कंपनी और अपनी कुछ जरूरी दस्तावेजों को बैंक में देना पड़ता है | बैंक यह लोन आपको ब्याज दर पर देती है |
अपने व्यापार में अन्य व्यक्तियों को शामिल करना –
ऑटो पार्ट के व्यापार में आपको कई सारे कार्य करने पड़ते हैं | तभी आपको अपने व्यापार में किसी अन्य व्यक्ति को काम पर रखना पड़ता है | आपको अपने साथ ईमानदार और कार्यशील व्यक्तियों को काम पर रखना चाहिए | आपको अपने व्यापार में उन्हीं व्यक्तियों को शामिल करना चाहिए | जो आपके व्यापार के बारे में जानकारी रखते हैं | आपको उन्हें समय समय पर सैलरी भी देनी पड़ती है |
मार्ग का चुनाव –
आयात-निर्यात का कार्य करते समय का चुनाव करना पड़ता है | आपको अपने सामान का आयात-निर्यात सड़क मार्ग कर सकते हैं | और आप अपने सामान का आयात-निर्यात रेलमार्ग से कर सकते हैं | आप अपने व्यापार में आयात-निर्यात का वायु मार्ग और जल मार्ग से भी कर सकते हैं | कई सारे देश है जो हमारे देश से सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं | और कई सारे देश है जो हमारे देश से रेलमार्ग से जुड़े हुए हैं | अगर आप इस व्यापार को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं | तो आपको समुद्र मार्ग सस्ता पड़ता है |
व्यापार में क्या सावधानियां रखनी चाहिए ?
सभी प्रकार के व्यापार में आपको सावधानियां रखनी पड़ती है | और ऑटो पार्ट के व्यापार में भी आपको कई प्रकार की सावधानियां रखनी पड़ती है | आपको अपने सामान की अच्छे से जांच करके खरीदना चाहिए | और जांच के बाद खरीदने से आपको फायदा मिलता है | क्योंकि जो आपके पास से सामान खरीदता है | आपके सामान को जांच करके आपसे सामान खरीदेगा | आपको अपना सामान वही से खरीदना चाहिए जहाँ पर आपको सस्ता और अच्छा सामान मिले | आपको अपने सभी प्रकार के कागजों को ठीक करके रखना चाहिए| तभी आप किसी प्रकार की जांच में नहीं फंसेंगे | और अगर आप अपने व्यापार को ऑनलाइन करते हैं | तो आपको अधिक सावधानियां रखनी पड़ती है | इस तरीके से व्यापार करने में आपको अधिक धोखा मिलने की उम्मीद रहती है | आपको उसी के साथ अपना व्यापार करना चाहिए जो आपको समय पर पैसे और सामान दे सकें | आपको अपने साथ काम करने वाले लोगों पर ध्यान देना चाहिए वह किसी प्रकार उसकी गड़बड़ न करें | ताकि आपको परेशानी न हो |
ऑटो पार्ट के व्यापार में कितनी लागत आती है ?
ऑटो पार्ट का आयात-निर्यात करना चाहते हैं | तो आपको लागत इस बात पर निर्भर करती है | कि आप किस स्तर पर इस व्यापार को कर रहे हैं | आपको इसमें कई भाग मिलते हैं | आप चाहे तो आप बड़े स्तर पर इस व्यापार को कर सकते हैं | और आप चाहे तो छोटे स्तर पर इस व्यापार को कर सकते हैं | आप इसको बड़े देशों में आयात-निर्यात कर सकते हैं | और आप चाहें तो अपने ही देश में इसको थोक भाव में आयात-निर्यात कर सकते हैं | और आप चाहे तो इसको फुटकर मे भी बेच सकते हैं | लागत की बात करें तो आपको छोटे स्तर पर इस व्यापार को शुरू करने में ₹10,000 से ₹1,00,000 की लागत आ सकती है | अगर आप इस व्यापार को बड़े स्तर पर शुरू करते हैं | तो आपको ₹5,00,000 से ₹10,00,000 की लागत आ सकती है|
ऑटो पार्ट के व्यापार में लाभ –
अगर आप ऑटो पार्ट का आयात -निर्यात करना चाहते हैं | तो आपको लाभ इस बात पर निर्भर करता है | कि आप किस स्तर पर इस व्यापार को कर रहे हैं | अगर आप बड़े स्तर पर इस व्यापार को कर रहे हैं | तो आपको अधिक लाभ प्राप्त होता है | अगर आप इस व्यापार को छोटे स्तर पर कर रहे हैं | तो आपको कम लाभ प्राप्त होता है | अगर आपके द्वारा बेचे जा रहे सामान की मांग बाजार में अधिक है | तो आपको अधिक लाभ प्राप्त होता है | आपको अपना सामान वहीं पर बेचना चाहिए जहाँ पर आपको सामान की अधिक मांग हो |
FAQ-
(a) ऑटो पार्ट्स का प्रयोग कहाँ पर किया जाता है ?
ऑटो पार्ट्स का प्रयोग सभी प्रकार की गाड़ियों में किए जाते हैं |
(b) ऑटो पार्ट का आयात कहाँ से कर सकते है ?
अधिक आटो पार्ट को चीन के द्वारा बनाया जाता है | आप वहीं से इनको अधिक तौर पर मांगा सकते हैं |
(c) भारत में आपको सस्ते ऑटो पार्ट कहाँ से मिलेंगे ?
भारत में सबसे अधिक गाड़ियां महाराष्ट्र में है | और आपको वहीं से सस्ते ऑटो पार्ट भी मिलते हैं |
(d) ऑटो पार्ट में कौन कौन से सामान आते हैं ?
ऑटो पार्ट में आपको गाड़ियों के कांच , टायर, इंजन के समान, जैसी बहुत सारी चीजे देखने को मिलती है |
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