गेहूं की खेती कैसे करें ? How to cultivate wheat?
गेहूं को पूरी दुनिया भर में पसंद किया जाता है | और गेहूं भोजन मे मुख्य भूमिका निभाता है | गेहूं की खेती करने का इतिहास बहुत पुराने समय से चला आ रहा है | और गेहूं के उत्पादन में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पाया जाता है | गेहूं की रोटी बनती है | और दुनिया भर के लोग रोटी को खाते हैं |
गेहूं की खेती क्या है ?
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गेहूं को पूरी दुनिया भर में पसंद किया जाता है | और गेहूं भोजन मे मुख्य भूमिका निभाता है | गेहूं की खेती करने का इतिहास बहुत पुराने समय से चला आ रहा है | और गेहूं के उत्पादन में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पाया जाता है | गेहूं की रोटी बनती है | और दुनिया भर के लोग रोटी को खाते हैं | अगर आप गेहूं की खेती करना चाहते हैं | तो आपको किसी विशेष प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है | और पहले भारत में गेहूं का उत्पादन अच्छे से नहीं हो पाता था | फिर आजादी के बाद भारत में हरित क्रांति का आगमन हुआ | और हरित क्रांति की वजह से गेहूं के उत्पादन में काफी विकास हुआ | और भारत में गेहूं अच्छे तरीके से पैदा | अब भारत में इतना गेहूं उत्पादन किया जाता है | कि भारत से गेहूं दूसरे देशों को भी बेचा जाता है | गेहूं को भारत में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसलों में गिना जाता है | गेहूं की खेती करने वाले किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है |
गेहूं की खेती कैसे की जाती है ?
गेहूं की खेती करना बहुत आसान होता है | गेहूं को लगभग आप सभी मिट्टी में आसानी से पैदा कर सकते हैं | और गेहूं की फसल आसानी से तैयार भी हो जाती है | तथा भारत में गेहूं की खेती करने वाले किसानों की मदद सरकार भी करती है | आपको खेती करने से पहले कुछ निम्नलिखित बातों को ध्यान रखना होता है जैसे –
खेत का निर्माण-
अगर आप गेहूं की खेती करना चाहते हैं | और गेहूं की फसल को अच्छी पैदावार के लिए आपको सबसे पहले खेत को तैयार करना पड़ता है | कि वह खेत गेहूं बोने योग्य हो सके | खेत की जुताई करने से आपके खेत की मिट्टी भुरभुरी और मुलायम हो जाती है | खेत की जुताई करने से मृदा में पानी सोखने की क्षमता बढ़ जाती है | तथा मिट्टी में हवा का संचार भी अच्छे तरीके से हो जाता है|
खेत से खरपतवार का निवारण –
किसी भी फसल का अच्छा विकास तभी होता है | जब वह खेत खरपतवार से मुक्त रहता है | खेत को खरपतवार से मुक्त करना बहुत जरूरी होता है | खरपतवार निकालने के लिए आप मज़दूरों की भी मदद ले सकते हैं | लेकिन मज़दूरों की मदद लेने से आपको खरपतवार निकालने का खर्च अधिक लग सकता है | कोशिश करें कि आप खरपतवार को मशीन द्वारा ही निकलवाए | जिससे आपका खर्चा बचता है | खरपतवार को निकालने के लिए आप रासायनिक दवाओं का भी प्रयोग कर सकते हैं |
फसल की सुरक्षा –
फसल की सुरक्षा के लिए आपको अपने खेत का घेराव करना बहुत जरूरी होता है | और अगर आपकी फसल जंगली जानवरों से सुरक्षित रहती है | तो आपको अच्छी पैदावार भी मिलती है | खेत में घेराव के लिए आप लोहे के पाइपों का प्रयोग करना चाहिए | अगर आपके पास पैसों की कमी है | तो आप बांस का भी प्रयोग कर सकते हैं | कोशिश करें कि आपके बांस मोटे और लंबे होने चाहिए | आपको मिट्टी में बांस को बहुत मजबूती से गाड़ना है | ताकि कोई भी जंगली जानवर आसानी से उसे उखाड़ न सके | बांस के साथ-साथ आपको रस्सी और तारों की भी जरूरत पड़ती है |
खेतों में गोबर की खाद का छिड़काव –
फसल की अच्छी उत्पादन के लिए आपको अपने खेतों से उर्वरक शक्ति को बढ़ाने की बहुत जरूरत पड़ती है | खेत की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने के लिए आपको अपने खेतों में गोबर की खाद का प्रयोग करने चाहिए | और गोबर की खाद आपको अपने घर पर भी मिल जाती है | अगर आपके पास गोबर की खाद नहीं है | तो आप अन्य किसानों की मदद से गोबर की खाद को अपने खेतों में डाल सकते हैं | आपको प्रति एकड़ के हिसाब से 3 से 4 ट्रॉली गोबर की खाद को डालने की जरूरत पड़ती है | गोबर की खाद किसी प्रकार से हमारे खेतों को नुकसान नहीं पहुंचाती है | क्योंकि गोबर की खाद पूर्ण रूप से प्राकृतिक होती है | गोबर की खाद को डालने से हमारे खेत की उर्वरक शक्ति बहुत अच्छी तरीके से बढ़ती है | और हमारी फसल में अच्छी पैदावार प्रदान करती है |
उन्नतिशील बीजों की किस्म –
किसी भी फसल की अच्छी पैदावार तभी होती है | जब आप अच्छे किस्म के बीजों को बोते हैं | गेहूं की खेती करने वाले किसानों का मानना है | कि निम्नलिखित बीजों को बोने से इनको अच्छी पैदावार प्राप्त होती है | निम्नलिखित बीजों के नाम इस प्रकार है – पूसा तेजस , 8663 पोषण , श्रीराम 303 , श्रीराम 663 , श्रीराम 322 , आदि उन्नतिशील बीज है | जो किसानों को अच्छी पैदावार प्रदान करते है |
गेहूं की बुआई –
आपको गेहूं को बोने से पहले खेत की बुआई तथा खेत में खाद का छिड़काव और खेत की सुरक्षा जैसे बातों का ध्यान रखना पड़ता है | इसके बाद आपको बाजार से उन्नतिशील बीजों को लाना चाहिए | बीजों को लाने के बाद उन बीजों का रोग उपचार अवश्य करना चाहिए | बीजों का रोग उपचार करने से बीजों का अनुकरण बहुत अच्छी तरीके से होता है | बीज बोने से पहले आपको एक बार खेत की जुताई कल्टीवेटर से करानी चाहिए | उसके बाद बीजों की बुआई करा देनी चाहिए | ताकि बीज अच्छी तरीके से मिट्टी में मिल जाए | अगर आप हाथों से बीजों की बुआई करते हैं तो | अगर आप गेहूं को मशीन की मदद से बोते हैं तो वह सारा काम स्वयं ही कर लेती है | मशीन से गेहूं की बुआई करने पर आपको अधिक खर्च लगता है |
गेहूं की फसल की सिचाई –
गेहूं की सिचाई इस बात पर निर्भर करती है | कि आप किस मिट्टी में गेहूं की बुआई करते हैं | अगर आप हल्की मिट्टी में गेहूं को बोते हैं | तो आपको जल्दी-जल्दी पानी देने की जरूरत पड़ती है | अगर आप भारी मिट्टी में गेहूं की बुआई करते हैं | जैसे जिस मिट्टी में अधिक दिन तक पानी रुका रहता है | तो आपको जल्दी सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है | गेहूं की फसल को लगभग 4 से 5 बार सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है |
गेहूं की फसल में कौन-कौन सा रोग लगता है ?
गेहूं की फसल में अधिक बिमारी के नहीं पाई जाती है | फिर भी कुछ बीमारियां हैं जो फसल में देखी जाती है | जैसे पीले रकुवा, तना रकुवा, भूरा रकुवा, तथा कभी-कभी पत्तियों को खाने वाले कीटों को देखा जाता है | अगर इनमें से कोई भी रोग आपकी फसल पर हो जाता है | तो आपको बाज़ार के कृषि केंद्र से इनकी दवा को लेकर उसके नियम अनुसार फसल पर छिड़काव कर देना चाहिए | तथा फल के विकास के लिए कई प्रकार की दवाओं और खादों का भी छिड़काव की किया जाता है |
1 एकड़ गेहूं की फसल में कितना लाभ मिलता है ?
अगर आप में गेहूं की खेती करते हैं | तो आपको सबसे पहले कणों फसलों को सभी प्रकार की बीमारियों से बचाना पड़ता है | और गेहूं की फसल जब तैयार हो जाए | तब आपको अपनी फसल की कटाई करनी पड़ती है| गेहूं की फसल को तैयार होने में लगभग चार महीने का समय लगता है | गेहूं की पिटाई के बाद आपको मंडी ले जाकर उसे बचने की जरूरत पड़ती है | मान लीजिए कि मंडी में गेहूं का थोक भाव ₹1800 प्रति क्विंटल है | और एक एकड़ में लगभग 20 क्विंटल की फसल तैयार होती है | तो आपको मंडी से ₹36,000 प्राप्त होता है |
1 एकड़ में गेहूं की खेती करने में कितना खर्चा आता है ?
एक एकड़ में गेहूं की फसल को बोने के लिए आपको सबसे पहले खेत की जुताई करनी पड़ती है | और खेत को खरपतवार से मुक्त करना पड़ता है | तथा फसल की तैयारी के लिए आपको सबसे पहले खेत का घेराव करना पड़ता है | बीज को बोने के लिए मशीन का प्रयोग किया जाता है | तो अधिक लागत आती है | अगर आपकी फसल में किसी प्रकार का रोंग लग जाता है | तो आपको उस रोग को दूर करने के लिए दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है | और फसल की सिंचाई करनी पड़ती है | तथा जब फसल तैयार हो जाए तो आपको मज़दूरों या मशीन द्वारा फसल की कटाई करनी पड़ती है | फसल की कटाई के बाद आपको फसल की मड़ाई करने की जरूरत पड़ती है | सब कुछ हो जाने के बाद आपको फसल को मंडी में ले जाकर बेचने की जरूरत पड़ती है | मंडी ले जाने के लिए आपको वाहन चाहिए वाहन का खर्चा इस बात पर निर्भर करता है कि आप के खेत से मंडी की दूरी कितनी है | मिलाकर अगर आप एक एकड़ में गेहूं की करते हैं तो आपको लगभग 10,000 से 15,000 रुपयों की जरूरत पड़ती है |
*FAQ*
(a) गेहूं की अच्छी उत्पादन के लिए कौन सा समय सही होता है ?
अगर आप गेहूं की अच्छी पैदावार पाना चाहते हैं | तो आपको सही समय की को बहुत ध्यान रखना पड़ता है | आपको गेहूं को मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर के बीच बोना चाहिए |
(b) 1 एकड़ में गेहूं की कितनी पैदावार होती है ?
अगर आप 1 एकड़ में गेहूं की खेती करना चाहते हैं | तो आपको गेहूं को सही प्रकार से ध्यान रखना पड़ता है | और गेहूं की अच्छी किस्मों को बोना चाहिए | अगर आप सही से फसल की देख-भाल करते हैं | तो आपको 1 एकड़ में लगभग 18 से 20 क्विंटल गेहूं प्राप्त होता है |
(c)सबसे अच्छी रोटी किस गेहूं की मानी जाती है ?
अगर आप सबसे स्वादिष्ट गेहूं गेहूं की रोटी को खाना चाहते हैं | तो आपको किसानों और नागरिको की माने जाने वाली सबसे अच्छी रोटी साबरमति गेहूं की रोटी को खाना चाहिए |
(d) गेहूं की रोटी में क्या पाया जाता है ?
गेहूं की रोटी खाने से हमारे शरीर के अंदर ताकत आती है | क्योंकि गेहूं की रोटी में सोडियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन बी सिक्स, जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं |